UP News: लखनउ पीएम पोषण मध्यान्ह भोजन योजना (PM Poshan Mid Day Meal Scheme) में रसोइयाें का अब आसानी से चयन, उनकी संख्या का फिर से निर्धारण व नवीनीकरण किया जा सकेगा। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने इस पर लगी रोक हटा ली है। इससे जिलों में रिक्त पदों को भरा जा सकेगा और बच्चों को दोपहर का भोजन परोसने में आसानी होगी।
बेसिक शिक्षा परिषद व अन्य विद्यालयों में नए चयन, मृत्यु व त्यागपत्र से रसोइयों के पद बड़ी संख्या में खाली हैं। ज्ञात हो कि प्रदेश भर में तीन लाख 75 हजार से अधिक रसोइयाें की प्राथमिक विद्यालयों में तैनाती है। निदेशक मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण ने नौ अप्रैल को शासन को प्रस्ताव भेजा था कि रसोइया चयन से रोक हटाई जाए।
बेसिक शिक्षा के विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी ने निदेशक मध्यान्ह भोजन, जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि अब वे रसोइयों की संख्या का निर्धारण, चयन व नवीनीकरण आदि कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश में रसोइया के पदों पर चयन उन्हीं का होगा जिनके बच्चे परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे हैं। चयन भी उन्हीं स्कूलों में होगा। चयन के लिए रसोइयों की अधिकतम संख्या का निर्धारण नामांकित छात्र संख्या के आधार पर होता है।
स्कूलों में 25 छात्रों पर एक रसोइया, 26 से 100 पर दो, 101 से 200 पर तीन, 201 से 300 पर चार, 301 से 1000 पर पांच, 1001 से 1500 पर छह व छात्र संख्या 1501 से अधिक होने पर अधिकतम सात रसोइये रखे जा सकते हैं। चयन के लिए पात्रता तय की गई हैं। ऐसे अभ्यर्थी जो रसोइयों के चयन के लिए आवेदन के लिए संबंधित विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के अभिभावक, माता, दादी, बहन, चाची, ताई, बुआ ही अर्ह होंगे।
यह भी निर्देश है कि रसोइया का चयन करते समय बेवा व परित्यक्ता को प्राथमिकता दी जाएगी। इन दोनों के आवेदन की स्थिति में बेवा को प्राथमिकता मिलेगी। अनुसूचित जाति या पिछड़ा वर्ग का अभ्यर्थी होने पर सक्षम अधिकारी की ओर से जारी जाति प्रमाणपत्र आवेदनपत्र के साथ प्रस्तुत करना होगा। रसोइयों को सरकार दो हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दे रही है। दिसंबर में ही 500 रुपये मानदेय बढ़ाया गया था।