लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत रहे शिक्षकों के आश्रित अनुचर के पद पर नियुक्त हैं। उनमें से जो आश्रित स्नातक उत्तीर्ण हैं, उन्हें सेवारत प्रशिक्षण दिलाकर शिक्षक बनाने की तैयारी है, उन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। साथ ही खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में तीन से बढ़ाकर पांच लिपिक तैनात करने की योजना है।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार, महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद व अन्य अधिकारियों के साथ मृतक आश्रित संघ ने इन बिंदुओं पर मंथन किया। महानिदेशक ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्य कर रहे उच्च योग्यता रखने वाले करीब 7000 कर्मचारियों को दो विकल्प चुनने का अवसर दिया जा सकता है।
प्रथम विकल्प के रूप में वे सेवारत प्रशिक्षण प्राप्त करके टीईटी उत्तीर्ण कर लें तो उन कर्मचारियों को शिक्षक बनाया जा सकता है। द्वितीय विकल्प के रूप में वे शुरुआत से ही तृतीय श्रेणी के लिपिकीय पदों पर समायोजित हो सकते हैं। कई मृतक आश्रित पूर्व से बीएड व टीईटी की योग्यता रखते हुए चतुर्थ श्रेणी पर नियुक्त हैं, उनको सूचीबद्ध कर सीधे लाभ देने की बात विचारणीय है।
उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग को इस पर कोई आपत्ति नहीं है, सहमति बनने पर शासनादेश जारी किया जा सकता है। जब तक स्थायी व्यवस्था नहीं हो जाती है, तब तक अन्य सुविधाओं पर विचार चल रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में इन कर्मचारियों की वजह से विभाग को अतिरिक्त बल मिला है। इन्हें अर्जित अवकाश देने का उचित प्रबंध किया जा रहा है। साथ ही कार्यालयों में तीन बढ़ाकर पांच कार्मिकों को रखने की कार्यवाही चल रही है। उन्हें अच्छा पदनाम जल्द देने का विचार होगा। कार्यालयों में जमावड़ा प्रथा को जड़ से समाप्त किया जाएगा।
महानिदेशक ने बताया कि मृतक आश्रितों की मांगों पर मंथन हुआ है, लेकिन निर्णय नहीं हो सका है। बैठक में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल, विशेष सचिव शासन आरवी सिंह, अनु सचिव सत्य प्रकाश, संघ के प्रदेश अध्यक्ष जुबेर अहमद, विनोद कुमार, पंकज बाजपेई आदि मौजूद थे।