नई दिल्ली, स्कूली बच्चों के लिए रसोई में तैयार होने वाले मिड डे मील की सीसीटीवी कैमरे से लाइव निगरानी की जाएगी। इसे लेकर रसोई में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे।
दरअसल, शिक्षा निदेशालय ने सरकारी स्कूल और सहायता प्राप्त स्कूलों में मिड डे मील की आपूर्ति के संबंध में निविदा जारी की है, जिसमें रसोई में बनने वाले मिड डे मिल को लेकर मानदंड तय किए हैं। इसके तहत रसोई में भोजन तैयार करने वाले संगठन को पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। इसका पूरी तरह से चालू रहना जरूरी है। सीसीटीवी फुटेज का रिकॉर्ड रखना होगा। साथ ही संगठन को संबंधित उप निदेशक को लाइव फीड उपलब्ध कराना होगा, जिससे रसोई की स्थिति लाइव दिख सके।
सख्त रुख अपनाया : निदेशालय ने मिड डे मील की गुणवत्ता को लेकर सख्त रुख अपनाया है। जिस भी संगठन को मिड डे मील आपूर्ति की जिम्मेदारी मिलेगी। उसको कई मानकों को पग करना होगा।
सेमी ऑटोमेटेड रसोई में तैयार होगा भोजन
मिड डे मिल को सेमी ऑटोमेटेड रसोई में तैयार किया जाएगा। उसके लिए पर्याप्त संसाधन सुनिश्चित करने होंगे। रसोई का आकार 700 वर्ग गज से लेकर एक हजार वर्ग गज तय किया गया है। संस्था के पास 100 वर्ग गज की जगह खाद्यान्न रखने के लिए होनी चाहिए। डीपीसीसी से प्रदूषण प्रमाण पत्र और एमसीडी से स्वास्थ्य लाइसेंस का होना आवश्यक है। खाना बनाने और साफ-सफाई के लिए गर्म पानी का उपयोग बॉयलर प्लांट / सोलर वाटर हीटिंग की व्यवस्था से किया जाए।
60 हजार बच्चों के लिए करना होगा तैयार
मिड डे मील में चावल-कड़ी, चावल – सांभर / दाल, चावल और छोले, पौष्टिक सब्जी दलिया, पूड़ी छोले, आटा और बेसन पूरी, आलू कड़ी को आपूर्ति के लिए शामिल किया गया है। प्रत्येक चयनित आवेदक को दस से लेकर 60 हजार प्राथमिक और उच्च प्राथमिक