ज्ञानपुर। परिषदीय स्कूलों में कंपोजिट ग्रांट राशि खर्च करने का ब्योरा स्कूलों की दीवारों पर लिखा जाएगा। पिछले तीन वर्षो का पूरा खर्च स्कूलों की दीवारों पर प्रधानाध्यापकों को लिखवाना होगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी कर दिए हैं। ग्रांट में फर्जीवाड़े की आशंका को देखते हुए शासन की ओर से यह निर्णय लिया गया है। पत्र आने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को इस पर काम कराने का निर्देश दिया।
जिले में 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक
और कंपोजिट विद्यालय संचालित है। जिले में 2022-23 में चार करोड़ 52 लाख रुपये कंपोजिट ग्रांट मिला है। इसके माध्यम से स्कूलों में मरम्मत, साफ-सफड़े का सामान, वॉल पेंटिंग, स्कूलों की रंगाई- पुताई सहित अन्य जरूरत का सामान खरीदा जाता है। कुछ जिलों में कंपोजिट ग्रांट में फर्जीवाड़ा होने के बाद शासन ने इसका संज्ञान लिया है। स्कूल महानिदेशक विजय किरण आनंद ने ग्रांट के खर्च का ब्योरा स्कूलों की दीवारों पर लिखने के आदेश दिए हैं।
स्कूलों की एक दीवार चिह्नित करके प्रधानाध्यापक खर्च का हिसाब दीवारों पर लिखवाएंगे। यह कार्य कराने के बाद इसकी तस्वीर बीएसए कार्यालय में उपलब्ध करानी होगी।
नई व्यवस्था का उद्देश्य है कि आम लोगों को जानकारी हो सके कि कंपोजिट ग्रांट से क्या क्या काम कराए गए। इस व्यवस्था से परिषदीय स्कूलों के प्रधानाध्यापकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। इसमें 1.8 मीटर ऊंची और 1.5 मीटर चौड़ाई के क्षेत्र में पेंटिंग कराना सुनिश्चित कराना होगा।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि समय के अंदर सभी विद्यालयों में काम करा दिया जाए।