यूपी में मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना जल्द शुरू करने की तैयारी है। यूपी सरकार इसे पहले ही हरी झंडी दे चुकी है। मगर पैसे के अभाव में इसे अभी तक आरंभ नहीं किया जा सका। दरअसल, प्रदेश में 8.29 करोड़ कामगार ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं। इन्हें इस योजना का लाभ देने के लिए 160 करोड़ रुपये से अधिक चाहिए। मगर श्रम विभाग के सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के पास इसके लिए 12 करोड़ का ही बजट है। अब इसका कोई दूसरा रास्ता निकालने का पहल की जा रही है।
मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के तहत किसी हादसे में निधन होने पर दो लाख रुपये दिए जाने का प्रावधान है। इसका लाभ देने के लिए कामगारों का बीमा कराया जाना था। पहले इसका प्रीमियम 12 रुपये था, मगर बाद में यह बढ़कर 20 रुपये प्रति व्यक्ति हो गया। ऐसे में 8 करोड़ से ज्यादा लोगों का दुर्घटना बीमा का कवर देने के लिए प्रीमियम अदा करने को 160 करोड़ रुपये से अधिक का बजट चाहिए।
योजना के शुरू न होने से असंगठित क्षेत्र के करोड़ों कामगारों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। इसी को ध्यान में रखकर अब योजना शुरू किए जाने के लिए दूसरे विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इसे लेकर जल्द मंत्री समूह की बैठक कराने की तैयारी हो रही है। इसी बैठक में योजना शुरू करने को कोई अन्य तरीका निकाला जाएगा। जानकारों का कहना है कि बीमा कंपनी की जगह यदि विभाग के स्तर से ही धनराशि दुर्घटना में मृत व्यक्ति के परिजनों को दी जाए तो कम बजट में भी काम चल सकता है।
यूपी ने बनाया है पंजीकरण का रिकार्ड
केन्द्र सरकार देश में पहली बार असंगठित क्षेत्र के करोड़ों कामगारों का डाटा बेस तैयार करा रही है। इसके लिए सभी को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत कराया गया है। यूपी ने इस मामले में देश में रिकार्ड कायम किया है। यहां 8.29 करोड़ लोगों को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत किया जा चुका है।