मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को इस त्योहारी सीजन में राज्यकर्मियों और पेंशनरों को दीपावली का तोहफा दिया है। अराजपत्रित कर्मचारियों को बोनस के साथ ही राज्यकर्मियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते/महंगाई राहत (डीए/ डीआर) में चार फीसदी वृद्धि का आदेश दिया है। डीए/डीआर में वृद्धि का लाभ जुलाई 2022 से मिलेगा।
अराजपत्रित कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रत्येक को 6908 रुपये बोनस देने का आदेश दिया गया है। केंद्र द्वारा उत्पादकता असंबद्ध बोनस देने की दर पर ही राज्य सरकार ने भी बोनस स्वीकृत किया है। प्रत्येक कर्मचारी को 6908 रुपये बोनस मिलेगा। इससे खजाने पर 1022 करोड़ का भार आएगा। जो कर्मचारी जीपीएफ से जुड़े हैं उन्हें 25 फीसदी बोनस नकद तथा 75 फीसदी राशि जीपीएफ खाते में दी जाएगी। जो जीपीएफ से नहीं जुड़े हैं उनके नकद भुगतान का भार खजाने पर आएगा क्योंकि इन्हें एनएससी और पीपीएफ दिया जाएगा। इस प्रकार 1022 करोड़ के कुल व्ययभार में से 639 करोड़ रुपये नकद भार आएगा जबकि 383 करोड़ रुपये जीपीएफ खाते में जाएगा।
बोनस और डीए के भुगतान का फैसला एक साथ होने से खजाने पर 1436 करोड़ रुपये व्ययभार आएगा।
राज्यकर्मियों और शिक्षकों का डीए जुलाई 2022 से उनके मूल वेतन का 38 फीसदी हो जाएगा। डीए/डीआर वृद्धि का लाभ अक्तूबर के वेतन व पेंशन के साथ दिया जाने लगेगा। डीए/डीआर वृद्धि से सरकार पर हर महीने 296 करोड़ रुपये का भार आएगा। जुलाई से अक्तूबर तक के देयों का कुल तात्कालिक व्ययभार 1104 करोड़ आ रहा है। इसमें से पुरानी पेंशन से आच्छादित कर्मियों से संबंधित धनराशि 387 करोड़ रुपये उनके जीपीएफ खाते में जाएगी। डीए/डीआर के भुगतान पर सरकार पर कुल नकद व्ययभार 797 करोड़ रुपये आ रहा है। करीब 10 लाख राज्यकर्मी, 8 लाख शिक्षकों के साथ ही 12 लाख पेंशनरों को डीए/डीआर वृद्धि का लाभ मिलेगा।
ऐसे समझें लाभ
● सचिवालय में तैनात अनु सचिव
मूल वेतन 67700 रुपये पर 4 फीसदी डीए जोड़ने पर 2708 रुपये बढ़ जाएगा वेतन
● सचिवालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी
मूल वेतन 26600 रुपये पर 4 फीसदी डीए जुड़ने पर 1064 रुपये बढ़ जाएगा वेतन