पडरौना। मानदेय नहीं मिलने से परेशान जिले के रसोईयों के लिए अच्छी खबर है। इन रसोइयों को दीपावली से पहले अगस्त माह का मानदेय उनके खाते में पहुंच जाएगा।
इसके अलावा सितंबर माह का मानदेय देने के लिए बजट जिले को मिल चुका है। रसोइयों के खातों में रुपये भेजने की प्रक्रिया विभाग की तरफ से शुरू कर दी गई है।
जिले में 2,464 परिषदीय, 25 मदरसा, 26 समाज कल्याण विद्यालय, 54 वित्तपोषित जूनियर हाईस्कूल, 55 वित्तपोषित इंटर कॉलेज, तीन राजकीय और एक संस्कृत विद्यालय में एमडीएम योजना के तहत मध्याह्न भोजन बनता है। इन स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक नामांकित तीन लाख 83 हजार छात्र-छात्राओं को भोजन बनाने के लिए जिले में करीब आठ हजार रसोइया तैनात हैं। इसमें 80 फीसदी महिला रसोइया हैं। इनको शैक्षिक सत्र 2022-23 में केवल अप्रैल माह तक मानदेय ही मिल सका था। जुलाई से अब तक इनका मानदेय बाकी था।
दीपावली को देखते हुए जिले के रसोईया मानदेय भुगतान की मांग कर रहे थे। इसको गंभीरता से लेते हुए शासन ने अगस्त माह तक बकाया मानदेय देने के लिए तीन करोड़ 19 लाख रुपये जिले को निर्गत कर दिया है। शासन से रसोइयों के मानदेय के लिए बजट मिलते ही विभाग सक्रियता दिखाते हुए भुगतान की कार्रवाई शुरू कर दी। एक से दो दिन के भीतर अगस्त तक का बकाया मानदेय रसोइयों के खाते में भेज दिया जाएगा। इसके अलावा 19 अक्तूबर को सितंबर माह का बकाया मानदेय देने के लिए एक करोड़ 55 लाख रुपये का बजट भी मिल गया है।
इस संबंध में एमडीएम के जिला समन्वयक जितेंद्र गौतम ने बताया कि जुलाई और अगस्त का बकाया मानदेय देने के लिए शासन की तरफ से तीन करोड़ 10 लाख रुपये पहले मिल गए थे। त्योहार को देखते हुए उसके भुगतान की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है। बीते 19 अक्तूबर की शाम को सितबंर का मानदेय देने के लिए बजट मिला। इस धनराशि को भुगतान करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।