देश में मंगलवार को डिजिटल करंसी ई-रुपया की शुरुआत के साथ नए युग का आगाज हुआ। बजट में की गई घोषणा के अनुसार रिजर्व बैंक ने इस योजना का पायलट परीक्षण किया।
पहले दिन कारोबारियों के लिए थोक खंड में 24 लेनदेन किए गए। डिजिटल करंसी का इस्तेमाल सरकारी बॉन्ड खरीदने में किया गया। इन सौदों की कीमत 2.75 अरब रुपये रही।
सभी नौ बैंक जुड़े रिजर्व बैंक के मुताबिक, केंद्रीय बैंक डिजिटल करंसी (सीबीडीसी) यानी ई-रुपया में पहले दिन हुए लेनदेन में सभी नौ बैंक जुड़े रहे। इस दौरान डिजिटल करंसी तुरंत जारी करने के साथ-साथ उसी समय सौदा निपटान की प्रक्रिया जांची गई।
रियल टाइम में लेनदेन विशेषज्ञों के अनुसार, सीबीडीसी में नकद देते ही इंटरबैंक सेटलमेंट की जरूरत नहीं रह जाएगी। इससे डिजिटल पेमेंट सिस्टम की तुलना में लेनदेन रियल टाइम और कम लागत में होगा। आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ योगेंद्र कपूर ने बताया कि ई-रुपया से भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी। साथ ही देश के पेमेंट सिस्टम को पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी।
खुदरा ग्राहकों के लिए एक महीने में शुरुआत आरबीआई के अनुसार, डिजिटल रुपये (खुदरा खंड) का पहला पायलट परीक्षण विशेष उपयोगकर्ता समूहों के बीच चुनिंदा स्थानों में किया जाएगा, जिसमें ग्राहक और कारोबारी शामिल होंगे। इसकी शुरुआत एक महीने के भीतर करने की योजना है। इस साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल करंसी लाने की योजना का ऐलान किया था।
लंबी कार्ययोजना रिजर्व बैंक देश में क्रिप्टोकरंसी की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के मद्देनजर आसान और सुरक्षित डिजिटल करंसी लाने की योजना पर काफी समय पहले से काम कर रहा था। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कई बार क्रिप्टो को लेकर चिंता जता चुके थे। क्रिप्टो में भारत में 80 फीसदी निवेशक 500 से दो हजार रुपये लगाने वाले की श्रेणी में है। उन्होंने कहा था ऐसे निवेशकों को क्रिप्टो का जोखिम नहीं पता होता।
इस तरह काम करेगा
● यह एक वाउचर है जिसे हस्तांतरित नहीं किया जा सकता। यानी केवल वही इसका इस्तेमाल कर सकेगा, जिसके लिए जारी किया गया है।
● यह क्यूआर या एसएमएस कोड के रूप में होगा। इन्हें स्कैन किया जा सकेगा। सत्यापन के लिए लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर एक कोड भेजा जाएगा। इसके जरिए वाउचर से भुगतान हो जाएगा।
● इसका इस्तेमाल एक ही बार किया जा सकता है। यह कैशलैस और कॉन्टैक्टलैस प्रणाली है।
● इसमें बैंकों की तरह निपटान की जरूरत नहीं होगी। इससे डिजिटल पेमेंट सिस्टम की तुलना में लेनदेन ज्यादा रियल टाइम और कम लागत में होगा।
मजबूत अर्थव्यवस्था
वजह त्योहारों पर जमकर खरीदारी
मायने वाहन उद्योग में अवसर बढ़ रहे
वजह ई-कॉमर्स पर भुगतान में इजाफा
मायने आसान-सुरक्षित भुगतान पर भरोसा
वजह आसान कर्ज और दाम में गिरावट
मायने उपभोक्ता खर्च को लेकर उत्साहित
वजह नए ऑर्डर और उत्पादन में वृद्धि
मायने आर्थिक वृद्धि पर उद्योग आशावान