अमेठी। संवाददाता
नवम्बर का दूसरा पखवारा शुरू हो गया है। ठंड ने भी सुरूर पकड़ना शुरू कर दिया है। लोगों ने स्वेटर और जैकेट निकाल लिए हैं लेकिन परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले 45000 बच्चे शैक्षिक सत्र शुरू होने के 8 महीने बाद भी यूनिफार्म स्वेटर और जूते मोजे की बाट जोह रहे हैं। अब तक सरकार इनके खातों में पैसा नहीं डाल सकी है।
गुरुवार को जिले का अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। सुबह 10 बजे तक मौसम सर्द बना रहा। स्कूली बच्चे पुराने कपड़ों में बिना स्वेटर के स्कूल पहुंचे। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले में दो लाख दो हजार बच्चों को यूनिफार्म जूते मोजे स्वेटर और स्टेशनरी का पैसा मिलना चाहिए। सरकार की ओर से इन सभी के अभिभावकों के खाते में 1200 की धनराशि भेजे जाने का प्रावधान है। लेकिन अब तक इनमें से सिर्फ 157000 बच्चों के खातों में ही राशि भेजी गई है। इनमें से भी बड़ी संख्या में बच्चों के अभिभावकों ने अन्य मामलों में खर्च कर दिया है। हालात यह है कि सुबह बच्चे ठंड को झेलते हुए विद्यालय आ रहे हैं। 45000 बच्चों के पास तो अब तक पैसा ही नहीं पहुंच सका है। स्वेटर तो दूर इन्हें यूनिफार्म और जूता मोजा तक नही नसीब हुआ है। बच्चे पुराने कपड़ों में नंगे पांव स्कूल पहुंच रहे हैं।
क्यों आ रही समस्या
समस्या बच्चों के अभिभावकों का आधार कार्ड उनके खातों से सीड कराने को लेकर है। खातों से आधार कार्ड सीड होने के बाद 4900 बच्चों के बैच बनाए जाते हैं। आनलाइन बैच बन जाने के बाद शासन से इन्हीं खातों पर पैसा जाता है। 14 हजार से अधिक बच्चों का बैच बन गया है। जबकि 16 हजार से अधिक बच्चों का आधार कार्ड बनना शेष है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
डीसी समेकित शिक्षा अरुण त्रिपाठी ने बताया कि बच्चों को स्वेटर यूनिफार्म स्टेशनरी का पैसा उपलब्ध कराने के लिए विभागीय स्तर से लगातार कार्य चल रहा है। 14000 से अधिक बच्चों का बैच बन चुका है। शासन स्तर से ही सीधे खाते में पैसा डाला जाएगा। जिनके आधार कार्ड शेष हैं, उनके आधार कार्ड बनवाने के लिए सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया है।