मंझनपुर (कौशाम्बी)। फर्जी रसोइया भर्ती कर सरकारी धन गबन करने वाले अफसर व कर्मचारियों को बुधवार को बर्खास्त कर दिया गया। डीएम ने इस मामले में एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है। प्रकरण में छह खंड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को नोटिस भेजी गई है।
जिले के कई ब्लॉकों में रसोइया की तैनाती न होने के बाद भी सुनियोजित तरीके से मानदेय निकाला जा रहा था। जिला समन्वयक (डीसी) एमडीएम और कंप्यूटर ऑपरेटर सांठगांठ कर करीबियों को तैनात कर मानदेय निकाल रहे थे। फतेहपुर के लोगों की तैनाती दिखाई गई थी, जबकि उनको मानदेय नहीं मिल रहा था। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने इस खबर को 18 नवंबर, 21 नवंबर और 23 नवंबर को प्रकाशित किया तो डीएम सुजीत कुमार ने मामले की जांच शुरू कराई। जांच में पता चला कि डीसी एमडीएम और कंप्यूटर ऑपरेटरों ने 34 लाख 80 हजार का रुपये का गबन किया है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी गई। बुधवार को बीएसए प्रकाश सिंह ने डीएम के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए जिला समन्वयक पंकज कुमार, विनय कुमार गुप्ता, तत्कालीन कम्प्यूटर ऑपरेटर सिराथू, राजकुमार चौरसिया, तत्कालीन कम्प्यूटर ऑपरेटर मूरतगंज, मो. नाशिद, अनुदेशक उच्च प्राथमिक विद्यालय पिंडरा/एमडीएम पटल प्रभारी मंझनपुर, नीरज जायसवाल, कम्प्यूटर ऑपरेटर-एमडीएम को बर्खास्त कर दिया है। इनकी संविदा सेवा समाप्त कर दी गई है। इनके अलावा दो अन्य ऑपरेटर, प्रदीप सिंह सरसवां, आलेप कुमार, सिराथू की भी संविदा सेवाएं समाप्त की गई है। डीएम ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने का भी निर्देश दिया है।