सिद्धार्थनगर।
बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालयों में फर्जी अंकपत्रों के आधार पर नौकरी पाने का सिद्धार्थनगर जनपद हब बनता जा रहा है। अब तक 121 शिक्षकों की बर्खास्तगी हो चुकी है। इसमें से 116 पर केस भी दर्ज कराया जा चुका है। इनमें 54 शिक्षक ऐसे रहे जिन्हें बिना वेतन पाए सेवा समाप्ति की कार्रवाई से गुजरना पड़ा वहीं 67 बर्खास्त शिक्षकों से वसूली की तैयारी में विभाग जुट गया है। इसमें से 47 से वसूली करने की तैयारी पूरी हो चुकी है जबकि 20 बर्खास्त शिक्षकों से वसूली का विवरण तैयार हो रहा है।
जिले में फर्जी शिक्षकों का खुलासा आए दिन एसटीएफ की जांच में हो रहा है। बीते एक दशक में दूसरे के प्रमाणपत्रों के साथ ही कूटरचित अभिलेखों के आधार पर प्राथमिक स्कूलों में नौकरी पाने वाले 121 सहायक अध्यापक विभागीय और एसटीएफ के हत्थे चढ़ गए। लिहाजा उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ा। कई शिक्षक जेल भी जा चुके हैं। अधिकांश फरार चल रहे हैं। अब तक सेवा समाप्ति के शिकार हुए 121 शिक्षकों में 54 ऐसे मिले जिन्हें अब तक किसी भी प्रकार का वेतन समेत अन्य भुगतान नहीं हो सका था। वह वेतन पाने से पहले ही बर्खास्त हो गए। बेसिक शिक्षा के लेखा विभाग के मुताबिक 47 शिक्षकों से वेतन आदि मद में पाए भुगतान की वसूली के लिए तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। शेष 20 शिक्षकों से वसूली का विवरण तैयार किया जा रहा है।
तहसीलों से जारी होगी आरसी
फर्जी मिलने पर बर्खास्त 47 शिक्षकों से सरकारी धन की रिकवरी के लिए जल्द ही बीएसए की ओर से जिलाधिकारी को सूची सौंपी जाएगी। डीएम संबंधित जिलों को भेजेंगे। संबंधित डीएम बर्खास्त शिक्षकों के तहसीलों को भेजकर वसूली की कार्रवाई कराएंगे।
कुर्क हो चुकी है मास्टरमाइंड की संपत्ति
परिषदीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षक नियुक्ति के मास्टर माइंड देवरिया के कुईचवर गांव निवासी राकेश सिंह की सम्पत्ति कुर्क की जा चुकी है। देवरिया जनपद के जैतपुरा में स्थित जेडीएस इंटरनेशनल स्कूल, गोरखपुर के तुलसीराम 2948 वर्ग फीट जमीन में बना मकान व चार पहिया वाहन को चिन्हित किया गया था। इसकी कीमत लगभग तीन करोड़ रुपये आंकी गई थी। मोहाना के तत्कालीन एसओ की तरफ से डीएम को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया था कि प्राथमिक विद्यालय में बतौर शिक्षक कार्यरत राकेश के पास आय का कोई अतिरिक्त स्रोत नहीं है। उसके विरुद्ध विभिन्न धाराओं में 12 मुकदमें दर्ज हैं। उसने गैंग के मुखिया के रूप में गिरोह बंद और समाज विरोधी क्रियाकलापों में संलिप्त रहकर उक्त सम्पत्ति अर्जित की है। यह उसकी कमाई से अधिक है। डीएम ने गिरोह बंद एवं असामाजिक क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के तहत उसकी संपत्ति कुर्क करने आदेश दिया था। रिपोर्ट में जैतपुरा स्थित विद्यालय की कीमत 2.33 करोड़ रुपये है।
जिले में बर्खास्त फर्जी शिक्षकों में से 54 को किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया था। 47 शिक्षकों से वसूली का विवरण तैयार कर लिया गया है। शीघ्र सूची बीएसए को सौंप दी जाएगी। शेष 20 शिक्षकों का विवरण तैयार किया जा रहा है।
निलोत्तम चौबे, वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा
फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई लगातार हो रही है। अब तक 121 बर्खास्त हो चुके हैं। एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जा रही है। 116 पर मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है।
– देवेंद्र कुमार पांडेय, बीएसए