बस्ती, फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हासिल कर वर्षों तक नौकरी करने वाले नटवरवालों को बर्खास्त करने के बाद वेतन रिकवरी की प्रक्रिया अभी तक संभव नहीं हो सकी है। जिले में ऐसे प्रकरणों में रिकवरी शून्य है। विभागीय स्तर से बर्खास्त किए गए नौ शिक्षिकों के मामले में आहरित वेतन का ब्यौरा तैयार किया गया और इसकी नोटिस भी जारी हुई। लेकिन रिकवरी नहीं हो सकी है। इसका मुख्य कारण कोर्ट से ऐसे मामलों में स्टे हासिल करना बताया जा रहा है।
एसटीएफ से शिकायत के बाद प्राप्त विभिन्न मामलों की जांच बाद बर्खास्त किए गए अधिकतर फर्जी सहायक अध्यापक संतकबीनगर जनपद के ही रहने वाले हैं। इनकी संख्या आधा दर्जन से अधिक है। इसके अलावा बस्ती, आजमगढ़, गोंडा, गोरखपुर, मऊ आदि जनपदों के भी नटवरलाल जांच में पकड़े जाने के बाद बर्खास्त किए जा चुके हैं। सेवा समाप्त किए जाने के बाद इन शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही वेतन रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। लेकिन पहले मुकदमा दर्ज होने में देरी के बाद रिकवरी की प्रक्रिया की पत्रावली तैयार करने में भी अच्छा खासा समय लगने से देरी होती है।
बर्खास्ती के बाद भी चार पर नहीं दर्ज हुआ केस
जिले में अब तक फर्जी प्रमाण पर नौकरी करने के आरोप में बीस शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा चुकी है। जबकि इनमें से 16 मामलों में खंड शिक्षा अधिकारी स्तर से मुकदमा कायम कराया गया है। शेष चार मामलों में से दो प्रकरण बेसिक शिक्षा विभाग से अनुदानित सहायता प्राप्त स्कूलों से संबंधित है। जिसके संबंध में संबंधित स्कूल के प्रबंधक को मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश पूर्व में ही दिया जा चुका है। जबकि परिषदीय स्कूल से संबंधित दो प्रकरण में मुकदमा दर्ज होने हुआ है। बीएसए डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने में देरी के संबंध में संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों से जानकारी हासिल करने के साथ ही जल्द से जल्द मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
नवंबर माह में पकड़े गए थे दो फर्जीवाड़े
जिले में नवंबर माह के पहले सप्ताह में एक कुदरहा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय टेंगरिया राजा में प्रधानाध्यापक पद और सल्टौआ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय तुरकौलिया के सहायक अध्यापक की सेवा समाप्त की गई थी।
बीएसए कार्यालय के अनुसार कुदरहा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय टेंगरिया राजा में प्रधानाध्यापक पद पर हरीश चौधरी की नियुक्ति सहायक अध्यापक के तौर पर 1994 में प्रथम नियुक्ति मऊ जनपद में हुई थी। 1999 में अंतरजनपदीय स्थानांतरण में बस्ती जनपद में तैनाती मिली थी। इंटरमीडिएट और बीटीसी के फर्जी अंकपत्र लगाकर नौकरी हासिल करने का आरोप जांच में सही मिला था। वहीं सल्टौआ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय तुरकौलिया में सहायक अध्यापक अवधेश कुमार ने विभिन्न बोर्ड की एक ही सत्र में विभिन्न डिग्रियां हासिल की थी। इन दोनों को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया, लेकिन करीब डेढ़ माह बीतने के बाद भी दोनों पर मुकदमा कायम नहीं हो सका है।