Union Budget 2023: फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के अगले बजट (Budget 2023) में इनकम टैक्स से जुड़े बड़े ऐलान होने की उम्मीद है।
Union Budget 2023
एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्त मंत्री को स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ा देनी चाहिए। सेक्शन 80सी के तहत टैक्स के मामले में मिलने वाली राहत बढ़ाने से भी आम लोगों को फायदा होगा। लेकिन, नीति आयोग के पूर्व वाइस चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया (Arvind Panagariya) एक्सपर्ट्स की इस तरह की सलाह से इत्तेफाक नहीं रखते। उनका मानना है कि सरकार को सभी तरह के टैक्स एग्जेम्प्शंस खत्म कर देना चाहिए।
उन्होंने इसकी वजह के बारे में भी मनीकंट्रोल को बताया है। चूंकि, पनगढ़िया को आर्थिक मामलों का व्यापक अनुभव है, इसलिए उनकी इस सलाह पर विचार करना जरूरी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को यूनियन बजट पेश करेंगी। इनकम टैक्स सिस्टम में रिफॉर्म्स का सही वक्त पनगढ़िया ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा कि पर्सनल इनकम टैक्स सिस्टम में रिफॉर्म करने का समय आ गया है।
जिस तरह से हमने कॉर्पोरेट टैक्स के मामले में फैसले लिए थे। उसी तरह हमें पर्सनल इनकम टैक्स में मिलने वाले सभी टैक्स एग्जेम्प्शंस को खत्म कर देने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सराकर को रेवेन्यू में कमी आने की आशंका है तो टैक्स रेट को 4-5 फीसदी से शुरू किया जा सकता है। कई तरह के डिडक्शन और एग्जेम्प्शन से कनफ्यूजन बढ़ता है नीति आयोग के वाइस चेयरमैन ने कहा कि इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में टैक्सपेयर्स को 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है।
इसके अलावा उन्हें कई सेक्शन के तहत टैक्स एग्जेम्प्शन भी मिलता है। कई तरह के डिडक्शन होने से आम टैक्सपेयर्स के लिए सबका फायदा उठाना मुश्किल होता है। इसके अलावा इनकम टैक्स के स्लैब भी कई हैं। इससे टैक्सपेयर्स के बीच कनफ्यूजन बढ़ता है।
ऐसे में सरकार को इनकम टैक्स के स्लैब को भी तर्कसंगत बनाने पर फोकस करना चाहिए। न्यू टैक्स रीजीम को अट्रैक्टिव बनाने की जरूरत उन्होंने कहा कि सरकार को इस बार बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करना चाहिए। सरकार को इनकम टैक्स की नई रीजीम को भी अट्रैक्टिव बनाने की कोशिश करनी चाहिए। अब भी ज्यादातर टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम का इस्तेमाल करते हैं। शुरू होने के कई साल बाद भी नई रीजीम को टैक्सपेयर्स का अच्छा रेस्पॉन्स नहीं मिला है। इस सिस्टम में उन टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स रेट काफी घट जाता है, जो कई तरह के टैक्स एग्जेम्प्शन का फायदा नहीं उठाते हैं। नई रीजीम में करीब 70 तरह के एग्जेम्प्शन को खत्म कर दिया गया है।