12वीं में 75% अंक नहीं तो जेईई मेन की मेरिट से बाहर

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नई दिल्ली। जेईई मेन के लिए 12वीं में 75 फीसदी अंक को फिर से अनिवार्य कर दिया गया है। यानी, अब जेईई मेन क्वालीफाई करने के बाद भी अगर 12वीं में 75 प्रतिशत अंक नहीं होंगे तो देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिला नहीं मिलेगा। एससी, एसटी छात्रों के लिए यह अनिवार्यता 65 फीसदी है। जेईई मेन के जरिये आईआईटी, एनआईटी और अन्य बड़े इंजीनियरिंग संस्थानों के स्नातक कोर्स में प्रवेश मिलता है। कोविड- 19 महामारी के कारण पिछले तीन सत्र से 75 फीसदी अंकों की अनिवार्यता खत्म कर दी गई थी।

ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड ने यह निर्णय किया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि विद्यार्थी अब एक साल से सामान्य तरीके से पढ़ाई कर रहे हैं, इसलिए जेईई मेन 2023 में अंकों की अनिवार्यता फिर लागू कर दी गई है।

हजारों छात्रों का साल बर्बाद कई ऐसे छात्र हैं, जो कोविड काल में जेईई मेन में बेहतर स्कोर नहीं आने के कारण इंजीनियरिंग में दाखिला न लेकर दोबारा तैयारी कर रहे हैं। इनमें से बड़ी संख्या में ऐसे भी छात्र हैं, जिनके 12वीं में 75 फीसदी अंक नहीं हैं। नए नियम के बाद अब वे दाखिला नहीं ले पाएंगे। ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड की बैठक में ऐसे छात्रों का मुद्दा उठा था, लेकिन उसे तवज्जो नहीं दी गई।

सभी विषयों में हो पास

अब छात्र को 12वीं कक्षा में सभी विषयों में पास होना जरूरी होगा। बीटेक व बीई के लिए फिजिक्स और गणित अनिवार्य है। इसके अलावा केमिस्ट्री, बॉयोटेक्नोलॉजी, बॉयोलॉजी या टेक्निकल वोकेशनल अन्य विषय हो सकते हैं। बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर में गणित, फिजिक्स व केमिस्ट्री और बैचलर ऑफ प्लानिंग के लिए गणित अनिवार्य विषय है।

एक ही आवेदन पत्र भरें

जेईई मेन के दोनों सत्रों में सिर्फ एक ही ऑनलाइन आवेदन पत्र भरना होगा। पहले सत्र के बाद दोबारा पुराना आवेदन पत्र ही सत्र दो में भी काम आएगा। एक से अधिक ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने पर परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा।