नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि परीक्षाओं में नकल प्लेग जैसी महामारी की तरह है, जो समाज और शिक्षा प्रणाली को बर्बाद कर सकती है। परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वालों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा किसी भी देश की प्रगति के लिए शिक्षा प्रणाली की शुचिता अचूक होनी चाहिए। अनुचित साधनों का सहारा लेने वाले छात्र राष्ट्र का निर्माण नहीं कर सकते।