उत्तर प्रदेश के बरेली, पीलीभीत और लखीमपुर खीरी में मंगलवार दोपहर करीब 2.30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। झटके महसूस होने पर लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। एक-दूसरे से जानकारी करने लगे। बाद में उन्हें पता चला कि भूकंप के कारण धरती डोली है। हालांकि यहां तीव्र झटके नहीं थे। उधर, दिल्ली-एनसीआर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बताया जा रहा है कि भूकंप के झटके काफी देर तक महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.8 मापी गई है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का केंद्र नेपाल था।
पीलीभीत के विकास भवन से बाहर निकले लोग
पीलीभीत में मंगलवार दोपहर करीब ढाई बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। भूकंप आते ही लोगों दहशत के कारण घरों व कार्यालयों से बाहर आ गए। विकास भवन में काम कर रहे लोगों की दोपहर ढाई बजे एकाएक जब मेज कुर्सी हिलना शुरू हुई तो घबराकर वह कार्यालय से बाहर निकल आए। कुछ ही देर में वहां भीड़ इकट्ठा हो गई। कई स्कूलों में बच्चों को कक्षाओं से निकालकर मैदान में खड़ा करवा दिया गया। भूकंप को लेकर लोग दहशत में रहे। बाजार में भी खलबली मची रही। लोग एक-दूसरे को फोन कर जानकारी लेते रहे।
कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है। इसे भूकंप मानते हैं।