स्‍कूल है, बच्‍चे हैं, शिक्षक हैं, मगर भवन बनाने का बजट नहीं, एक ही कमरे में कक्षा 1 से 5 तक की क्‍लास

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देवरिया, सर्व शिक्षा अभियान के तहत उत्तर प्रदेश सरकार प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षा स्तर बेहतर होने के दावे करती है. इसके लिए कई स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज की शुरुआत भी की गई है. इसे लेकर जनपद के जनप्रतिनिधि व अधिकारी तमाम परिषदीय/सरकारी विद्यालयों को गोद लेकर उसका कायाकल्प करने में जुटे हैं. मगर देवरिया जिले में इस दावे की पोल खोलती इस तस्वीर को देखकर आप समझ सकते हैं कि जिला बेसिक शिक्षा विभाग इन नौनिहालों के भविष्य के साथ कैसे खिलवाड़ कर रही है.

हम बात कर रहे है जिले के रामपुर कारखाना विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय आमघाट की, जहां डेढ़ साल पहले विद्यालय भवन जर्जर होने के चलते ध्वस्त कर दिया गया था, मगर भवन अब तक नहीं बना सका है. 

यहां इमारत के एक अतिरिक्त कमरे में पूरी पाठशाला चलाई जाती है, जो व्यवहारिक तौर पर मुमकिन नहीं है. कक्षा 1 से 5 तक के 65 बच्चे स्कूल परिसर में खुले आसमान के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं. गर्मी हो या कड़ाके की ठंड, यहीं पढ़ना है. ऐसे में जब बरसात होती है तो इन्हें एक ही कमरे में पढ़ाया जाता है.

 जब आजतक की टीम स्कूल पर पहुचीं तो देखा कि हेड मास्टर कक्षा 4 व 5 को एक साथ बिठाकर पढ़ा रहे हैं. वहीं, शिक्षामित्र कक्षा एक-दो को एक साथ बिठाकर पढ़ा रही हैं और कक्षा 3 के बच्चे बिना अध्यापक के अलग बैठे हैं, क्योंकि सहायक अध्यापक सरकारी काम से BRC के लिए निकले है.

विद्यालय का जो अतिरिक्त भवन है उसे फिलहाल स्टोर के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां के मासूम बच्चों का कहना है कि 1 से 5 तक के बच्चे एक कमरे में नहीं बैठ पाते हैं, इसलिए वे बाहर पढ़ते हैं. कभी स्कूल के बाहर गर्मी व तेज़ धूप होती है तो स्कूल के पीछे पेड़ के नीचे बैठ कर पढ़ते हैं.

इस सम्बंध में स्कूल के हेडमास्टर सुनील कुमार पांडेय ने बताया कि एक कमरे में पांच कक्षाओं का संचालन व्यवहारिक रूप से काफी दिक्कतें खड़ी करता है. जाड़ा, गर्मी, बरसात हमेशा समस्या होती है. खण्ड शिक्षा अधिकारी आते हैं, उनके संज्ञान में है, बजट का भाव है इसलिए निर्माण नहीं हो रहा है. 

इस पूरे मामले में प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय नारायण पाल त्रिपाठी ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय में एक ही कमरा है. परियोजना व शासन को बेसिक विभाग से पत्र लिखा गया है. बजट आते ही जल्द भवन का निर्माण करा दिया जाएगा ताकि बच्चों को परेशानी न हो.