अपलोड किए फोटो ने खोली संकुल बैठकों की पोल, गलत अपलोड पर बीएसए / बीईओ होंगे जिम्मेदार

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संकुल बैठक के नाम पर भी औपचारिकता हो रही है। बैठक का फोटो खींच कर एप पर अपलोड कर दिए तो किसी ने सिर्फ दस्तावेजों के फोटो अपलोड कर दिए। संकुल शिक्षकों ने यह भी नहीं सोचा होगा कि फोटो पर भी परियोजना से विशेष नजर रखी जा रही है। परियोजना स्तर पर हुई समीक्षा में कई फोटो को रिजेक्ट कर दिया है। महानिदेशक ने इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षाधिकारियों को निर्देश देते हुए जवाब भी मांगा है।

शिक्षक संकुल के स्कूलों को जुलाई 2023 तक निपुण विद्यालय का लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दए हैं। संकुल स्तरीय मासिक बैठकों का आयोजन कर इसका ब्यौरा फोटो सहित मांगा जा रहा है। प्रदेश में इतने स्कूलों के फोटो की क्या जांच होगी, यह सोचकर संकुल शिक्षकों ने भी बस बैठक दिखा कर ऐसी ही फोटो अपलोड कर दीं।

किसी ने बैठक के साथ सिर्फ सेल्फी की फोटो अपलोड कर दी तो किसी ने दस्तावेजों की फोटो लगा दी। स्कूल की गैलरी की फोटो लगाकर ही बैठक दिखा दी। अस्पष्ट फोटो के साथ कप प्लेट एवं खानपान की फोटो लगा दीं। महानिदेशक के स्तर से जब इन फोटो की रेंडम जांच कराई तो हर जिले में बड़ी संख्या में फोटो गलत पाई गई हैं। इस पर महानिदेशक विजय किरन आनंद ने 30 जनवरी को सभी को पत्र भेजकर इस स्थिति से अवगत कराते हुए निर्देश दिया है कि संकुल बैठकें निर्धारित एजेंडे के साथ में कराएं तथा अवांछित फोटो अपलोड नहीं होने चाहिए। अगर अवांछित फोटो अपलोड होते हैं तो बीएसए एवं बीईओ जिम्मेदार होंगे। वहीं अब तक के गलत तरीके से खीचें फोटो को लेकर जवाब मांगा है।

बैठक में मंथन के बजाए मोबाइल का प्रयोग

वही कई फोटो से पकड़ में आया है कि फोटो में निपुण भारत पर मंथन के स्थान पर शिक्षक मोबाइल का प्रयोग कर रहे हैं। इसको भी महानिदेशक ने गलत बताया है।

एक ही स्कूल में कराई बैठकें

वहीं कई फोटो से परियोजना स्तर पर यह भी पकड़ा गया है कि संकुल बैठकों में एक ही स्कूल की फोटो हैं। जबकि अलग-अलग स्कूल की फोटो बैठकों में होनी चाहिए थी।