उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में शिक्षा की स्थिति बेहतर करने के सरकार के प्रयास विफल नजर आ रहे हैं। सोमवार को प्राथमिक स्कूल पहुंचे ग्रामीणों ने अध्यापकों पर बच्चों को न पढ़ाने की बात कही। उसका कहना था कि शिक्षक हफ्ते में महज तीन-चार दिन ही स्कूल खोलते हैं। इसके अलावा जिस दिन आते हैं तो शराब पीकर स्कूल आते हैं। ऐसे में वह बच्चों को पढ़ाते भी नहीं हैं।
मामला खेरागढ़ ब्लॉक क्षेत्र के धमोकर स्थित परिषदीय विद्यालय का है। यहां ग्रामीण कमल सिंह सोमवार को स्कूल पहुंचा। कहा कि स्कूल में अध्यापक हफ्ते में दो-चार दिन ही आते हैं। वह भी शराब पीकर आते हैं। बच्चों को पढ़ाते भी नहीं हैं। इससे बच्चों का भविष्य चौपट दिखाई दे रहा। स्कूल में दिए ग्रामीण के इस बयान का वीडियो सामने आया है।
बीईओ बोले- जांच कराई जायेगी
हालांकि स्कूल में तैनात शिक्षामित्र सतीश का कहना है कि लगाए गए आरोप गलत हैं। आज मध्यावकाश में किसी ग्रामीण ने बच्चों को भड़का दिया। कहा कि डॉक्टरों की टीम आने वाली है। भाग जाओ नहीं तो सभी को इंजेक्शन लगेगा। इस कारण सभी बच्चे भाग गए। उन्हें लेने शिक्षामित्र गये इसी दौरान किसी ने स्कूल में वीडियो बना ली। बीईओ कृष्ण गोपाल तिवारी ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। जांच कराई जायेगी।