लाइव अपडेट
वनावरण एवं वृक्षावरण के लिए योजनाओं का एलान
– वर्तमान में उत्तर प्रदेश में वनावरण एवं वृक्षावरण प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र का 9.23 प्रतिशत है। वर्ष 2030 तक वनावरण एवं वृक्षावरण 15 प्रतिशत तक किये जाने का लक्ष्य है।
– उत्तर प्रदेश में वनावरण एवं वृक्षावरण में वृद्धि हेतु विभिन्न योजनाओं में सड़क, रेलवे लाईन, नहरों के किनारे की भूमि तथा कृषकों की निजी भूमि पर वृहद स्तर पर वृक्षारोपण की कार्य योजना है।
– वर्षाकाल – 2023 में वृक्षारोपण हेतु 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य प्रस्तावित है।
– सामाजिक वानिकीकरण योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। पौधशाला प्रबन्धन योजना हेतु 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– ग्रीन इण्डिया मिशन के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में ईको टूरिज्म के विकास हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– लखनऊ स्थित कुकरैल वन क्षेत्र में नाइट सफारी पार्क की स्थापना के लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– पिछड़ा वर्ग के पूर्वदशम एवं दशमोत्तर कक्षाओं के छात्र / छात्राओं को छात्रवृत्ति हेतु 2107 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। अनुसूचित जाति के छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति हेतु 962 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– सामान्य वर्ग के छात्र / छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान किये जाने हेतु 530 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति हेतु 34 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– पूर्व से निर्माणाधीन समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों के अवशेष कार्यों हेतु कुल 20.60 करोड़ रूपये तथा निर्मित समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों में फर्नीचर, उपकरण आदि की व्यवस्था हेतु 8.64 करोड़ रूपये की धनराशि प्रस्तावित है।
– मानिसिक मंदित एवं मानसिक रूप से रुग्ण निराश्रित दिव्यांगजन के लिए आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केन्द्र हेतु स्वैच्छिक संगठनों को सहायता प्रदान किये जाने हेतु 10 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
– समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना हेतु प्रथम चरण में 29 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
12:28 PM, 22-FEB-2023
मैं पंछी तूफानों में राह बनाता…
वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि हमारी सरकार के पहले की सरकारों का रवैया प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति घोर उपेक्षा का रहा। प्रदेश में एक ऐसा माहौल बना दिया गया था कि अपनी प्राचीन धार्मिक आस्था को प्रकट करना अपराध की श्रेणी में आ गया था। जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के पुरूत्थान का अभियान प्रारम्भ किया तो उनका विरोध भी किया गया। कर्मयोगी और पराक्रमी पुरुष विरोध और अवरोध को पराभूत कर अपना मार्ग बनाना जानते हैं।
मैं पंछी तूफानों में राह बनाता
मेरा राजनीति से केवल इतना नाता
तुम मुझे रोकते हो अवरोध बिछाकर
मैं उसे हटाकर आगे बढ़ता जाता
– काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में वैदिक विज्ञान केन्द्र की स्थापना का कार्य किया गया। वर्तमान में वैदिक विज्ञान केन्द्र में वैदिक गणित, वैदिक विज्ञान एवं वैदिक न्याय शास्त्र सहित, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जा रही है।
– जनपद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के फलस्वरूप पर्यटकों की संख्या में सम्भावित वृद्धि के दृष्टिगत 03 पहुँच मार्गों का चौड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य तथा 06 स्थानों पर पार्किंग तथा जनसुविधाओं के विकास का कार्य किया जा रहा है जिन्हें आगामी 02 वर्षों में पूर्ण करने का लक्ष्य है।
– जनपद मीरजापुर में प्रसिद्ध माँ विन्ध्यवासिनी देवी मन्दिर, माँ अष्टभुजी देवी मन्दिर एवं काली खोह मन्दिर का जीर्णोद्धार एवं सौन्दर्यीकरण कराये जाने तथा त्रिकोणीय परिक्रमा पथ को विकसित किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।
– जनपद अयोध्या एवं चित्रकूट की भाँति जनपद प्रयागराज में भजन सध्या स्थल की स्थापना का प्रस्ताव है। भजन संध्या स्थल की स्थापना हो जाने से तीर्थ क्षेत्र प्रयागराज में श्रद्धालुओं की सुविधा प्राप्त होगी। इसके साथ सांस्कृतिक विकास का कार्य भी किया जा सकेगा।
– नैमिषारण्य में वैदिक विज्ञान, सीतापुर जिले का एक प्रसिद्ध तप स्थल अध्ययन केन्द्र की स्थापना किये जाने का प्रस्ताव है। वेद विज्ञान अध्ययन केन्द्र की स्थापना से वेदों एवं पुराणों में संरक्षित ज्ञान को आम जन के बीच ले जाने हेतु अध्ययन कार्य किया जायेगा।
LIVE UP Budget 2023 Live: योगी सरकार ने पेश किया 6.90 लाख करोड़ का बजट, दो मण्डलों को नए विश्वविद्यालय
अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Wed, 22 Feb 2023 12:27 PM IST
Uttar Pradesh Budget Session 2023 Live Updates up Vidhan Sabha Yogi Govt Akhilesh Samajwadi Party Protest
– फोटो : amar ujala
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खास बातें
UP Budget Session 2023 Live News in Hindi: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 2.0 आज विधानमंडल में अपना दूसरा आम बजट पेश करेगी। इसका आकार सात लाख करोड़ रुपये के आसपास होने की संभावना जताई जा रही है। इस बजट से युवाओं, किसानों और महिलाओं के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट को लेकर बड़ी उम्मीदें हैं। यहां पढ़ें बजट से जुड़ा हर अपडेट…
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लाइव अपडेट
12:26 PM, 22-FEB-2023
पर्यटन के लिए ये एलान
– उत्तर प्रदेश में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं है। प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन विकास के लिये आधारभूत संरचाओं में वृद्धि की गयी है। इससे पर्यटन वृद्धि के राजस्व में वृद्धि होने के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन भी हो रहा है।
– उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में 24 करोड़ 87 लाख से अधिक पर्यटक आए, जिनमें भारतीय पर्यटकों की संख्या 24 करोड़ 83 लाख एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या 04 लाख 10 हजार से अधिक रही है।
– स्पिरिचुअल सर्किट योजना के अन्तर्गत गोरखपुर- देवीपाटन डुमरियागंज का पर्यटन विकास, स्पिरिचुअल सर्किट योजना के अन्तर्गत जेवर दादरी सिकन्दराबाद नोएडा – खुर्जा बाँदा का समेकित पर्यटन विकास, जनपद मथुरा स्थित गोवर्धन के पर्यटन विकास हेतु स्वीकृत योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
– अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, विन्ध्याचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम एवं अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य कराये जा रहे हैं।
– मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजनान्तगत प्रदेश में स्थित पर्यटन स्थलों का विकास 300 करोड़ रूपये की धनराशि से कराया जा रहा है।
– शक्ति पीठ माँ शाकुम्भरी देवी मन्दिर के समेकित पर्यटन विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– प्रयागराज के समेकित विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– पर्यटन नीति 2018 के अर्न्तर्गत पर्यटन इकाईयों को प्रोत्साहन हेतु 45 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– बौद्ध परिपथ के समेकित पर्यटन विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– बुन्देलखण्ड का समेकित पर्यटन विकास हेतु 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– शुकतीर्थ धाम का समेकित पर्यटन विकास हेतु 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– प्रदेश में युवा पर्यटन को बढ़ावा देना हेतु 2 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म, लखनऊ बोर्ड की स्थापना हेतु 2.50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। अन्तराष्ट्रीय / राष्ट्रीय स्तर के मेगा इवेन्ट हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद हेतु 2.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
12:24 PM, 22-FEB-2023
राजकीय पॉलीटेक्निकों की स्थापना एवं अवस्थापना विकास हेतु एलान
– प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 201 राजकीय संस्थायें एवं 19 अनुदानित संस्थायें अर्थात 220 संस्थायें स्वीकृत हैं जिनमें से 168 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
– 52 राजकीय पालीटेक्निक निर्माणाधीन / अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें निकट भविष्य में पी०पी०पी० मोड पर संचालित किया जाना है।
– वर्तमान में 1372 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र / छात्राओं को प्रवेश दिया जा रहा है।
– वर्तमानतः राजकीय अनुदानित एवं निजी क्षेत्र की समस्त संस्थाओं को सम्मिलित करते हुये कुल प्रवेश क्षमता 223779 है। छात्र / छात्राओं को अधिक रोजगार तथा इमर्जिंग टेक्नोलाजी आधारित उद्योग हेतु मैनपावर उपलब्ध कराने के दृष्टिगत सत्र 2022-23 से New Age Course के अन्तर्गत 04 पाठ्यक्रम यथा डाटा साइंस एवं मशीन लर्निंग, इण्टरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सेक्यूरिटी एवं ड्रोन टेक्नोलाजी में शिक्षण प्रशिक्षण 21 राजकीय पालीटेक्निकों में प्रारम्भ किया गया है, जिसमें प्रवेश क्षमता 1575 है।
– राजकीय पॉलीटेक्निकों की स्थापना एवं अवस्थापना विकास हेतु क्रमश: 50 करोड़ रूपये एवं 33 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, गोण्डा, बस्ती, प्रतापगढ़ तथा मीरजापुर में कक्षाओं के संचालन हेतु 1.50-1.50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– प्राविधिक शिक्षा विद्यालयों/ अभियंत्रण संस्थाओं में पूर्व से निर्मित भवनों के जीर्णोद्वार एवं अनुरक्षण हेतु 2 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– प्रदेश में 305 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें विभिन्न व्यवसायों की 1,72,872 सीटें उपलब्ध हैं।
– प्रदेश के विभिन्न राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में से 47 में महिलाओं के प्रशिक्षण हेतु महिला शाखा संचालित कराई जा रही है। सम्पूर्ण प्रदेश में महिलाओं हेतु 12 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्वतन्त्र रूप से संचालित हो रहे हैं।
– सम्पूर्ण प्रदेश में 2963 से अधिक निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें 4.58 लाख से अधिक सीटें युवाओं के प्रशिक्षण हेतु उपलब्ध हैं।
– टाटा टेक्नोलॉजीज लि० की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के तकनीकी उन्नयन की योजना के अन्तर्गत आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षा कक्षों का निर्माण कराया जा रहा है।
– परियोजना की लागत 5000 करोड रूपये से अधिक है जिसमें 88 प्रतिशत अंश टाटा टेक्नोलाजी लि० द्वारा तथा 12 प्रतिशत अंश राज्य सरकार द्वारा लगाया जायेगा।
– इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा परियोजना हेतु 10 हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल में कार्यशाला, प्रशिक्षण कक्ष इत्यादि के निर्माण के लिये 477 करोड़ रूपये का व्यय वहन किया जायेगा।
– वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में परियोजना के लिए 940 करोड़ रूपये की व्यवस्था करायी गयी है। परियोजना के फलस्वरूप प्रतिवर्ष लगभग 30,000 छात्र प्रशिक्षित होंगे।
– कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु 150करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना हेतु 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– केन्द्र प्रायोजित स्ट्राइव योजना के अन्तर्गत 29 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उच्चीकरण कराया जायेगा। इस हेतु 35 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
12:24 PM, 22-FEB-2023
खेलो इंण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स के लिये 30 करोड़ रूपये प्रस्तावित
– खेलो इंण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स के लिये 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– प्रदेश में निजी सहभागिता से खेल अवस्थापनाओं के निर्माण हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार योजना हेतु 15 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– खेल विकास कोष की स्थापना हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– जनपद मेरठ में मेजर ध्यान चन्द्र खेल विश्वविद्यालय की स्थापना किये जाने के संबंध में त्वरित गति से कार्यवाही की जा रही है। खेल विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– सहारनपुर, फतेहपुर एवं बलिया में स्पोर्टस कालेज के निर्माण हेतु 20 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
12:21 PM, 22-FEB-2023
मुरादाबाद व देवीपाटन मण्डल में विश्वविद्यालयों का एलान
– प्रदेश में उच्च शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु वर्तमान में 19 राज्य विश्वविद्यालय, 01 मुक्त विश्वविद्यालय, 01 डीम्ड विश्वविद्यालय 30 निजी विश्वविद्यालय, 172 राजकीय महाविद्यालय, 331 सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय एवं 7372 स्ववित्त पोषित महाविद्यालय संचालित हैं।
– नैक रैंकिंग में लखनऊ एवं गोरखपुर विश्वविद्यालयों को ए-डबल प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार के० जी०एम०यू० को भी नैक रैंकिंग में ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।
– मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को ए श्रेणी प्राप्त हुई है। भारत में प्रथम बार किसी कृषि विश्वविद्यालय को नैक रैंकिंग प्रदान हुई है और यह श्रेय प्रदेश के कानपुर कृषि विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है। प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में से एमिटी विश्वविद्यालय को ए-श्रेणी तथा शारदा विश्वविद्यालय, गलगोटिया विश्वविद्यालय एवं जी.एल.ए. विश्वविद्यालय को ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।
– प्रदेश में प्रथम बार 11 विश्वविद्यालयों द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग की तैयारी कर सहभाग लिया है। चार विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय रैंकिंग हेतु क्यू.आई.एस. रैंकिंग में भाग ले रहे हैं। विन्ध्याचल धाम मण्डल में माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
– देवीपाटन मण्डल में माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– मुरादाबाद मण्डल में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है।
12:19 PM, 22-FEB-2023
माध्यमिक शिक्षा के लिए एलान
– वर्तमान में प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद से सम्बन्धित सामान्य शिक्षा हेतु 2357 राजकीय, 4512 अशासकीय सहायता प्राप्त एवं 21,023 वित्त विहीन कुल 27.892 माध्यमिक विद्यालय तथा संस्कृत शिक्षा के लिये 2 राजकीय, 971 सहायता प्राप्त एवं 267 वित्त विहीन कुल 1240 विद्यालय संचालित है।
– माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से मान्यता प्राप्त अशासकीय सहायता प्राप्त एवं स्ववित्त पोषित विद्यालयों के भवनों के अनुरक्षण / सम्वर्द्धन के लिये विद्यालय की परिसम्पत्तियों का उपयोग करते हुये विद्यालयों की आय बढ़ाने की योजना प्रस्तावित है।
– केन्द्र सरकार की सहायता से पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।
– ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था की गयी है।
– समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु 1003 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु प्रोजेक्ट अलंकार योजनान्तर्गत 500 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– संस्कृत विद्यालयों की परिसम्पत्तियों के सृजन हेतु 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
– माध्यमिक विद्यालयों में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिये 10 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
– स्ववित्त पोषित विद्यालयों में निर्धारित आय सीमा से कम आय वाले माता-पिता की दूसरी बच्ची की फीस प्रतिपूर्ति हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
12:14 PM, 22-FEB-2023
समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ रूपये का एलान
– प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमिक लक्ष्य की प्राप्ति हेतु हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा के अधीन शासकीय / अशासकीय लगभग 2,23,712 विद्यालय संचालित हैं, जिसमें सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है।
– समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास एवं उन्हें स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।
– शासकीय / अशासकीय लगभग 2,23,712 विद्यालय संचालित हैं, जिसमें सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है।
– समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विकारा एवं उन्हें स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है ।
– केन्द्र सरकार की सहायता से पी०एम० श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 510 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था की गयी है।
– गरीबी रेखा के ऊपर के लगभग 28 लाख छात्र छात्राओं को निःशुल्क यूनिफार्म वितरण हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा-1 से 08 तक अध्ययनरत लगभग 02 करोड़ छात्र-छात्राओं के उपयोग के लिए मुफ्त स्वेटर और जूते और मोज़े प्रदान करना 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं ।
– कक्षा 01 से 08 तक के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क स्कूल बैग उपलब्ध कराये जाने हेतु 350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– वनटांगिया गावों में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संचालन एवं निर्माण हेतु 11 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को वित्तीय वर्ष 2023-2024 में प्रवेश दिलाये जाने हेतु 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
इन क्षेत्रों के लिए ये हुआ एलान
– कृषि क्षेत्र के बाद हथकरघा उद्योग सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला विकेन्द्रीकृत कुटीर उद्योग है। प्रदेश में लगभग 1.91 लाख (एक लाख इक्यानबे हजार ) हथकरघा बुनकर एवं लगभग 80 हजार हथकरघे हैं। प्रदेश में 2.58 लाख पावरलूम कार्यरत हैं जिसके माध्यम से 5.50 लाख पावरलूम बुनकर अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं।
– वस्त्र क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने एवं प्रदेश में अधिकाधिक रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से उ०प्र० टेक्सटाइल एण्ड गारमेंटिंग पालिसी 2022 प्रख्यापित की गयी है, जिसमें वस्त्र क्षेत्र के निवेशकों एवं नया स्वरोजगार प्रारम्भ करने वाले युवाओं को अनेक वित्तीय सुविधायें अनुमन्य की गयी हैं, जिसके लिये 150 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
– गारमेन्टिंग नीति, 2017 के अन्तर्गत 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर विद्युत उपलब्ध करायी जा रही है इस हेतु 345 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– मुख्यमंत्री पॉवर लूम उद्योग विकास योजना हेतु 20 करोड़ रूपये तथा मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना हेतु 10 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पॉवर लूम विकास योजना हेतु लगभग 18 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– वित्तीय वर्ष 2021-22 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के युवाओं के तकनीकी सशक्तिकरण हेतु टैबलेट / स्मार्टफोन वितरण योजना लागू की गयी। इस पायलट योजना का विस्तार करते हुये लोक कल्याण संकल्प पत्र – 2022 में स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजनान्तर्गत अनुरूप 02 करोड़ टैबलेट / स्मार्टफोन का 05 वर्षों में वितरण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना हेतु 3600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति के कार्यान्वयन हेतु 401 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– स्टेट डाटा सेन्टर हेतु 85 करोड़ 89 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए प्रदेश में आई०टी० पार्क्स की स्थापना की जा रही है ।
– उ०प्र० सूचना प्रौद्योगिकी नीति-2017-2022 के तहत राज्य को लगभग 53,000 व्यक्तियों को रोजगार के साथ लगभग 6,300 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं । प्रदेश सरकार द्वारा नई उ०प्र० सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा नीति-2022 दिनांक 18 नवम्बर 2022 को अधिसूचित की गयी है। इसके अन्तर्गत लगभग रूपये 5000 करोड़ के निवेश का अनुमान है जिससे लगभग 50,000 व्यक्तियों हेतु प्रत्यक्ष एवं 1,00,000 व्यक्तियों हेतु अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने का अनुमान है।
12:11 PM, 22-FEB-2023
कृषि क्षेत्र के लिए घोषणाओं का एलान
– कृषकों को कृषि की समग्र नवीनतम तकनीक से प्रशिक्षित करने हेतु एक नवोन्मेषी कार्यक्रम द मिलियन फार्मर्स स्कूल” ” का आयोजन पूरे प्रदेश में किया जा रहा है। वर्ष 2023 -2024 में 17000 किसान पाठशालाओं का आयोजन प्रस्तावित है।
– प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022- 2023 में माह नवम्बर 2022 तक 12 किस्तों में 51.639 करोड़ रूपये का भुगतान डी०बी०टी० के माध्यम से कृषकों के बैंक खातों में किया गया।
– नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना हेतु 631 करोड़ 93 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022 2023 में प्रदेश के 49 जनपदों में गौ आधारित प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारम्भ किया गया है जिसमें गंगा नदी से जुड़े 26 जनपद सम्मिलित हैं। योजनान्तर्गत 1714 क्लस्टर्स आच्छादित हैं जिनका सम्मिलित क्षेत्रफल 85,710 हेक्टेयर है। योजना हेतु 113 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– कृषकों के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1950 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– राष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु 984 करोड़ 54 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। नेशनल क्रॉप इन्श्योरेन्स योजना हेतु 753 करोड़ 70 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरूद्धार कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु 55 करोड़ 60 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है।
– पण्डित दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना हेतु 102 करोड़ 81 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।
– दलहन और तिलहन बीज मिनी किट वितरण योजना हेतु 15-15 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– कृषकों के डिजिटल डाटाबेस हेतु एग्री स्टैंक योजना हेतु 2 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
12:09 PM, 22-FEB-2023
कृषि के लिए की गई ये घोषणाएं
– कृषकों की आय में अभिवृद्धि हेतु कृषि शिक्षा शोध एवं अनुराधान के साथ-साथ प्रसार कार्यक्रमों की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।
– प्रदेश के 04 कृषि विश्वविद्यालयों में एग्रीटेक स्टार्टअप योजना हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर की स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। कृषि विश्वविद्यालय कानपुर, अयोध्या, चाँदा तथा मेरठ में अवस्थापना कार्यों हेतु लगभग 35 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के अन्तर्गत कृषि महाविद्यालय ( कैम्पस ) आजमगढ़ में पठन- पाठन का कार्य प्रारम्भ हो चुका है तथा जनपद गोण्डा में कृषि महाविद्यालय ( कैम्पस) की स्थापना का निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।
भारत विश्व में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश है- जिसमें उत्तर प्रदेश सर्वाधिक दुग्ध उत्पादनकर्ता राज्य है। दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई जनसंख्या एवं घटती हुई कृषि योग्य भूमि के कारण दुग्ध व्यवसाय ही एकमात्र ऐसा व्यवसाय है, जो ग्रामीण क्षेत्र के अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्बल, भूमिहीन मजदूर, बेरोजगारों हेतु अतिरिक्त आय का लाभप्रद साघन है।
– वर्तमान दुग्ध संघों के सुदृढीकरण एवं पुनर्जीवित करने की योजना हेतु 86 करोड़ 95 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– नन्द बाबा दुग्ध मिशन के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2023 -2024 में 61 करोड़ 21 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– जनपद मेरठ व वाराणसी में डेयरी परियोजनाओं हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति, 2022 के अन्तर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को वित्तीय अनुदान, रियायतें एवं अन्य सुविधाएं प्रदान किये जाने हेतु 25 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
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12:08 PM, 22-FEB-2023
चीनी का उत्पादन 105 लाख टन से अधिक होने का अनुमान
चीनी उद्योग, उत्तर प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण उद्योग है तथा प्रदेश के लगभग 46 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के परिवार की आजीविका का मुख्य आधार है।
– पेराई सत्र 2021-22 में प्रदेश में 27.60 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की गई तथा 120 चीनी मिलों द्वारा 1016 लाख टन गन्ने की पेराई कर 101.98 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया। वर्तमान पेराई सत्र 2022-23 में 117 चीनी मिलों का संचालन हुआ है एवं इस सत्र में प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 28. 53 लाख हेक्टेयर है, जिससे चीनी का उत्पादन 105 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है।
– वर्तमान सरकार द्वारा कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने हेतु वर्ष 2017 से एस्क्रो अकाउण्ट मैकेनिज्म प्रारम्भ किया गया है जिससे गन्ना मूल्य खाता केवल मिल प्रतिनिधि के स्थान पर अब मिल प्रतिनिधि एवं जिला गन्ना अधिकारी तथा ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित किया जा रहा हैं।
– चीनी मिलों द्वारा गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर पूर्ण अंकुश लगा हैं। विगत पांच वर्षों में 27,531 हेक्टेयर गन्ना खेती में ड्रिप इरीगेशन संयंत्र की स्थापना हुई है। इससे 50 प्रतिशत तक सिंचाई जल की बचत होगी।
– सिंचाई जल के साथ पोषक तत्वों के प्रयोग से 50 प्रतिशत रासायनिक उतरकों की बचत होगी साथ ही ड्रिप इरीगेशन के माध्यम से क्षारयुक्त और अल्प वर्षों वाले क्षेत्रों में भी गन्ने की खेती सम्भव हो सकेगी।
12:01 PM, 22-FEB-2023
‘8,62,767 आवासों के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है’
– प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत वर्ष 2021-2022 में आवंटित 4,33,536 आवास निर्माण के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 4,24,344 आवासों का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है तथा शेष आवास निर्माणाधीन हैं। वित्तीय वर्ष 2022 2023 में 8,62,767 आवासों के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है जिसके सापेक्ष निर्माण कार्य प्रगति के विभिन्न चरणों पर है। वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 12,39,877 आवासों का लक्ष्य प्रस्तावित है। योजना हेतु 9000 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
– प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 5,966 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018- 2019 से 2022 -2023 तक 1,43,821 लाभार्थियों को लाभान्वित कराया जा चुका है।
– वित्तीय वर्ष 2023- 2024 के बजट में योजना हेतु 1203 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
– श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना का उद्देश्य गाँवों के मूल स्वरूप को बनाये रखते हुये ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाओं को उपलब्ध कराकर ग्रामीण क्षेत्र से शहर की तरफ पलायन रोकना है। वित्तीय वर्ष 2023 -2024 में योजना हेतु 87.49 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– वित्तीय वर्ष 2022 2023 में प्रदेश के 5,89,189 ग्राम पंचायतों में विभिन्न बैंकों के माध्यम से बैकिंग बिजनेस करेस्पॉण्डेंट सखी की पद स्थापना का कार्य किया जा रहा है।
– वर्तमान में 34,292 बी०सी० सखी द्वारा 7,846 करोड़ रूपये से अधिक का वित्तीय लेनदेन किया गया है।
– सुदूर ग्रामों को विकासखण्डों एवं कस्बों से जोड़ने हेतु आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के अन्तर्गत 453 वाहनों का संचालन समूहों के माध्यम से किया जा रहा है।
12:00 PM, 22-FEB-2023
बुंदेलखंड के लिए योजनाओं का एलान
– त्वरित आर्थिक विकास योजना के हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 में नये कार्यों हेतु 1500 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
– बुन्देलखण्ड की विशेष योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है । पूर्वावल की विशेष योजनाओं हेतु 525 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– प्रदेश के युवाओं को सरकार के साथ नीति प्रबन्धन, क्रियान्वयन अनुश्रवण के कार्यों में सहभागिता का विशिष्ट अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा
– मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम संचालित किया गया है। कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के 100 आकाक्षात्मक विकास खड़ों में केन्द्र / राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का समवर्ती मूल्यांकन कार्य करने हेतु विधिक प्रक्रियान्तर्गत शोधार्थियों का चयन किया गया है। योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023- 2024 के बजट में 05 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
11:55 AM, 22-FEB-2023
निजी नलकूप उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गयी
– वित्तीय वर्ष 2022 2023 में निजी नलकूप उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गयी थी, जिसे लोक कल्याण संकल्प पत्र में की गयी घोषणा के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है। जिसके लिए 1500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– बुन्देलखण्ड में स्थापित की जाने वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं से विद्युत निकासी के लिये केन्द्र सरकार तथा जर्मनी की संस्था KfW की सहायता से ग्रीन इनर्जी कॉरीडोर- ॥ परियोजना के अन्तर्गत पारेषण तंत्र के निर्माण हेतु 1554 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है । इस परियोजना को 03 वर्षो में पूर्ण किया जाना लक्षित है।
– विद्युत वितरण क्षेत्र की कुशलता एवं क्षमता वृद्धि हेतु केन्द्र सरकार की सहायता से रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम प्रारम्भ की गयी है जिसके लिए 6500 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– विद्युत प्रकाश और शक्ति का स्रोत है। यह वह शक्ति है जिसके अभाव में नगर अंधकारमय और समाज गतिशून्य हो सकता है। इसीलिये हमारी सरकार ने ऊर्जा और अतिरिक्त ऊर्जा पर विशेष ध्यान दिया है हम यह कहना चाहते हैं कि
इस चमन को कभी सहरा नहीं होने दूँगा
मर मिदूँगा मगर ऐसा नहीं होने दूँगा
जब तलक भी मेरी पलकों पे दिये हैं रोशन
अपनी नगरी में अंधेरा नहीं होने दूँगा।
11:52 AM, 22-FEB-2023
2023-24 के लिए 6.90 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया
यूपी की योगी सरकार ने वित्तवर्ष 2023-24 के लिए 6.90 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। उन्होंने अपने बजट भाषण में ढांचागत विकास सहित अलग-अलग योजनाओं के लिए किए गए आवंटन का जिक्र किया।
बिजली आपूर्ति को लेकर किए गए एलान
– वित्तमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जिला मुख्यालय पर 24 घण्टे तहसील मुख्यालय पर 20 से 22 घण्टे और गांवों को 18 से 20 घण्टे बिजली दिये जाने का रोस्टर निर्धारित है।
– 01 अप्रैल, 2017 से पूर्व ग्रामीण क्षेत्र में 14:38 घण्टे तहसील क्षेत्र में 16:58 घण्टे तथा शहरी क्षेत्र में 21:08 घण्टे आपूर्ति के सापेक्ष वर्ष 2022-23 में माह अप्रैल, 2022 से अक्टूबर 2022 तक औसतन ग्रामीण क्षेत्र में 17:26 घण्टे, तहसील क्षेत्र में 20:52 घण्टे तथा शहरी क्षेत्र में 23:26 घण्टे आपूर्ति की गई।
– वर्ष 2017-18 से कुल 1,21,324 मजरे विद्युतीकृत किये जा चुके हैं।
– प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत गरीब परिवारों को निशुल्क और अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रूपये की 10 मासिक किश्तों में बिजली कनेक्शन देने की सुविधा दी गयी। इस योजना में 62.18 लाख इच्छुक घरों को विद्युत संयोजन निर्गत किए गए।
– कृषि कार्यों हेतु समुचित रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए 11 के०वी० कृषि एवं गैर कृषि ग्रामीण फीडरों के पृथकीकरण योजना के अन्तर्गत लक्षित 2227 नग फीडरों का पृथकीकरण पूर्ण कर लिया गया है।
– प्रदेश में स्थापित होने वाली तापीय उत्पादन परियोजनाओं यथा घाटमपुर, ओबरा ‘सी’ व जवाहरपुर से ऊर्जा निकासी हेतु लगभग 7076.37 करोड़ रूपये की पारेषण परियोजनाओं का निर्माण पी०पी०पी० पद्धति से कराया जा रहा है। इनमें से लगभग 4081.23 करोड़ रूपये की परियोजनायें पूर्ण कर ली गयी है तथा शेष निर्माणाधीन हैं।
– वर्ष 2019-2020 में औसतन उत्पादन उपलब्धता 3766 मेगावाट प्रतिदिन, वर्ष 2020-2021 में औसत उत्पादन उपलब्धता 3816 मेगावाट प्रतिदिन तथा वर्ष 2021-2022 में औसतन उत्पादन उपलब्धता 3998 मेगावाट प्रतिदिन रही।
– 2×660 मेगावाट जवाहरपुर तापीय परियोजना 2×660 मेगावाट ओबरा सी तापीय विस्तार परियोजना एवं 1X660 मेगावाट पनकी तापीय परियोजना का आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूर्ण होना एवं उत्पादन कार्य प्रारम्भ होना लक्षित हैं।
पारेषण तंत्र की क्षमता जो कि वित्तीय वर्ष 2016-2017 में 16,348 मेगावाट थी, को वर्ष 2021-2022 में 28,000 मेगावॉट तक किया गया, जिसे वित्तीय वर्ष 2022 2023 तक बढ़ाकर 30,806 मेगावॉट तक किया जाना लक्षित है।
11:49 AM, 22-FEB-2023
यूपी में 21 एयरपोर्ट होंगे क्रियाशील
उत्तर प्रदेश में 03 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। जेवर तथा अयोध्या में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माणाधीन हैं। शीघ्र ही प्रदेश में 05 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हो जायेंगे।
जेवर एयरपोर्ट में रनवेज की संख्या 02 से बढ़ाकर 05 किये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। हमारी सरकार के अब तक के कार्यकाल में 04 एयरपोर्ट्स के निर्माण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा 06 एयरपोर्ट्स (अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावरती, चित्रकूट तथा सोनभद्र) का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो रहा है।
आगे आने वाले वर्षों में प्रदेश में 05 अन्तर्राष्ट्रीय तथा 16 घरेलू एयरपोर्ट, इस प्रकार कुल 21 एयरपोर्ट क्रियाशील हो जायेंगे।
11:43 AM, 22-FEB-2023
45 जिलों में मेडिकल कॉलेज बने
– यूपी सरकार ने बजट में एलान किया है कि प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी। ‘एक जनपद एक मेडिकल कालेज की योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 45 जनपद मेडिकल कॉलेज से आच्छादित किये जा चुके हैं, 14 जनपदों में मेडिकल कालेज निर्माणाधीन है। असेवित 16 जनपदों में मेडिकल कालेजों की स्थापना पीपीपी मॉडल पर की जा रही है।
– 14 नये मेडिकल कालेजों की स्थापना एवं संचालन हेतु 2491 करोड़ 39 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है।
– असाध्य रोगों की चिकित्सा हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
– उत्तर प्रदेश इन्स्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल रिसर्च एण्ड डेवलपमेण्ट की स्थापना हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
– स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग कालेजों की स्थापना हेतु 26 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।
– प्रदेश में स्थित सरकारी एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेजों / चिकित्सा विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस की कुल 8528 सीटें उपलब्ध हो गयी है।
– प्रदेश में स्थित सरकारी एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेजों / चिकित्सा विश्वविद्यालयों में वर्ष 2022- 2023 में पी. जी. की कुल 2,847 सीटें हो गयी हैं।
– वर्ष 2022 में लगभग 300 संस्थानों में नर्सिंग / पैरामेडिकल पाठ्यक्रम प्रारम्भ हुये हैं। प्रदेश में राजकीय पैरामेडिकल कालेजों की संख्या 17 से बढ़ाकर 19 की गयी जबकि निजी क्षेत्र के स्कूलों की संख्या 287 से बढ़ाकर 351 की गयी।
– टर्शियरी चिकित्सा सुविधा को सुदृढ़ किये जाने के क्रम में एस. जी. पी.जी.आई. लखनऊ के 558 बेड के इमरजेन्सी मेडिसिन एवं रीनल ट्रान्सप्लान्ट केन्द्र की स्थापना की गयी।
– एस.जी.पी.जी.आई. में लीवर ट्रान्सप्लान्ट सेन्टर व एडवांस डायबिटीक सेन्टर की स्थापना की गयी है।
– राजकीय मेडिकल कॉलेज, मेरठ, प्रयागराज एवं के०जी०एम०यू० लखनऊ में डायबटिक रेटिनोपैथी की स्थापना की गयी है। राम मनोहर लोहिया संस्थान, लखनऊ में एडवान्स्ड न्यूरोसाइंस केन्द्र का कार्य प्रगति पर है।
– 14 मण्डलीय कार्यालयों तथा प्रयोगशालाओं भवन निर्माण, मशीनों तथा उपकरणों के लिये 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
11:36 AM, 22-FEB-2023
पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा हेतु 1000 करोड़ रूपये प्रस्तावित
– पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित है।
– नवसृजित पुलिस कमिश्नरेट के कार्यालय एवं अनावासीय भवनों आदि की व्यवस्था हेतु 850 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है।
– प्रदेश में पुलिस विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को आवासीय सुविधा (शहरी क्षेत्र) उपलब्ध कराये जाने हेतु 400 करोडरूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। एसडीआरएफ के सुदृढीकरण हेतु नये वाहनों के क्रय के लिए 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
– कोविड- 19 वैश्विक महामारी के सामने विश्व के ताकतवर समझे जाने वाले देश असहाय हो गये थे उस विषम परिस्थिति में माननीय प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में हमारे कर्मठ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता के सहयोग से प्रदेश को उस कठिन कालखण्ड से बाहर निकाला।
– कोविड कालखण्ड में जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्हें ध्यान में रखते हुये अत्यन्त त्वरित गति से प्रदेश में स्वास्थ्य अवसंरचना का विस्तार किया गया और प्रवासी श्रमिकों के पुनर्वास की अदभुत मिसाल प्रस्तुत की।
वित्तमंत्री ने सरकार की उपलब्धियां इन पंक्तियों से सामने रखीं,
मंजिलें लाख कठिन आयें, गुजर जाऊँगा।
हौसले हार के बैठूंगा तो मर जाऊँगा
लाख रोकें ये अंधेरे, मेरा रास्ता
लेकिन मैं जिधर जाऊँगा रोशनी ले जाऊँगा ।।
11:35 AM, 22-FEB-2023
वित्तमंत्री बोले, कानून व्यवस्था को मजबूत करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता
वित्तमंत्री ने कहा कि जनसामान्य को सुरक्षा प्रदान करने एवं कानून व्यवस्था के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना करने हेतु पुलिस व्यवस्था को और अधिक सक्षम एवं सुदृढ़ करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
– महिलाओं एवं समाज के कमजोर वर्गों के विरूद्ध अपराधों को नियन्त्रित करने हेतु प्रभावी कार्यवाही करके इनके लिए निरापद वातावरण उपलब्ध कराने के प्रति सरकार निरन्तर प्रयासरत है।
– सरकार की अपराध एवं अपराधियों के प्रति जीरो टालरेन्स की नीति के अनुरूप प्रदेश की कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाये जाने एवं आपराधिक /असामाजिक तत्वों पर प्रभावी नियन्त्रण करने के उद्देश्य से कार्ययोजना बनाकर अपराधियों के विरूद्ध कठोरतम विधिक कार्यवाही की जा रही है जिसके फलस्वरूप अपराध एवं कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़ है ।
– वर्ष 2022 में वर्ष 2016 के सापेक्ष आलोच्य अवधि में डकैती में 80.31 प्रतिशत, लूट में 61.51 प्रतिशत हत्या में 32.45 प्रतिशत, बलवा में 51.65 प्रतिशत, गृहभेदन में 5.59 प्रतिशत, चोरी में 17.22 प्रतिशत, रोड होल्डअप में 100 प्रतिशत व फिरौती हेतु अपहरण में 43.18 प्रतिशत की कमी आयी है। अपराधों पर अंकुश लगाये जाने हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं ।
– उक्त अवधि में महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों में दहेज मृत्यु में 15.81 प्रतिशत, बलात्कार में 21.75 प्रतिशत व अपहरण में 9.17 प्रतिशत की कमी आयी है महिलाओं के विरूद्ध घटित होने वाले अपराधों पर पुलिस द्वारा नियंत्रण हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में एण्टी भू-माफिया पोर्टल पर अवैध कब्जे से सम्बन्धित 3,41,236 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिसमें से 3,39,552 शिकायतें निस्तारित की गई।
– अभियान के अन्तर्गत 70 हज़ार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल अवैध अतिक्रमण से अवमुक्त कराया गया है। 23,920 राजस्व वाद, 923 सिविल वाद एवं 4504 एफआईआर दर्ज करायी गयी है।
– 847 अतिक्रमणकर्ताओं को भू-माफिया के रूप में चिन्हित किया गया है, वर्तमान में 196 भू-माफिया जेल में निरूद्ध हैं।
– साइबर क्राइम की रोकथाम हेतु प्रदेश के प्रत्येक परिक्षेत्र में साइबर क्राइम पुलिस थाना की स्थापना की गयी है।
– प्रदेश के समस्त थानों में (1531) साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर बेसिक साइबर फोरेसिक लैब एवं पुलिस मुख्यालय पर एडवांस्ड डिजिटल साइबर फारेंसिक लैब की स्थापना करायी जा रही है।
– कर्तव्य पालन के दौरान शहीद / मृत पुलिस कर्मियों एवं उत्तर प्रदेश राज्य के मूल निवासी केन्द्रीय अर्द्ध सैन्य बलों / अन्य प्रदेशों के अर्द्ध सैन्य बलों अथवा भारतीय सेना में कार्यरत रहते हुये 73 शहीद / मृत कर्मियों के आश्रितों को 17 करोड़ 96 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी।