प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की प्रमोशन प्रक्रिया जल्द पूरे होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। कारण यह है ज्येष्ठता सूची बनाने के मानक तय नहीं हो सके हैं। जिम्मेदारों के मध्य भी मौलिक नियुक्ति कब से मानी जाए इसके कोई स्पष्ट निर्देश व ज्ञान न होने के चलते मामला लटकता हुआ समझ आ रहा है। ऐसे में हर जिले में अलग अलग ब्लॉकों से अलग अलग मानकों पर जानकारियां मांगी जा रही है।
शासन ने इस बार ग्रीष्मावकाश तक शिक्षकों की प्रमोशन प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इस पर ब्लॉकों से वहां पर तैनात शिक्षकों की ज्येष्ठता सूची मांगी गई है। यह प्रमोशन प्रक्रिया किस आधार पर अपनाई जाएगी, शिक्षकों की मौलिक नियुक्ति कब से मानी जाएगी इस पर जिम्मेदारों में ही संदेह बना हुआ है। जबकि कई बार समय सीमा बढ़ाते हुए बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं।
शिक्षकों में भी मानकों को लेकर हैं मतभेद
अपने लाभ को लेकर शिक्षकों में भी मानकों को लेकर मतभेद देखे जा रहे हैं । ऐसे में सूची ग्रीष्मावकाश तक शिक्षकों की प्रमोशन प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश बनने में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। देखना है ऐसे हालातों में इतने समय बाद शुरू हुई प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती हैं।