आशा वर्कर को हर हाल में समय पर मानदेय मुहैया कराया जाये। इसमें किसी भी प्रकार की लेटलतीफी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। कई बार आशा, एएनएम समेत दूसरे वर्कर समय पर मानदेय या वेतन न मिलने की शिकायत करते हैं। अधिकारी समय-समय पर कर्मचारियों के मानदेय, वेतन की समीक्षा करें। व्यवस्था में सुधार लाएं।
नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का वेतन समय पर जारी करना सुनिश्चित करें। यह निर्देश शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एनएचएम व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये।प्रदेश में एक लाख 60 हजार से अधिक ग्रामीण और सात हजार से ज्यादा शहरी आशा वर्कर हैं। आठ हजार से अधिक आशा संगिनी हैं। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी सबसे निचले पायदान के लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में महत्वपूर्ण इकाई हैं। आशा वर्कर मातृ शिशु मृत्युदर के आंकड़ों में कमी लाने में अहम भूमिका निभाती हैं। गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें अस्पताल लाती है। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम करती हैं। शिशुओं का टीकाकरण करती हैं।उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन समेत दूसरी केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचा रही हैं। सरकार का फोकस आशा वर्कर को हाईटेक करने पर है। उन्हें स्मार्टफोन से लैस किया जा रहा है। ताकि योजनाओं का सही क्रियांवयन हो सके। निर्देश दिए कि आशा व एएनएम समेत दूसरे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा रहे, इसलिए समय पर वेतन, मानदेय मिलना चाहिये। इसमें किसी भी दशा में लापरवाही न बरती जाये।