लखनऊ. उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा में अब 100 रुपये के फेवीकोल का जोड़ लगेगा. खामियों की सुई – धागा से सिलाई की जायेगी. यही नहीं, छात्र- छात्राएं अपने सपनों को चार्ट पेपर पर उकेर कर उनको पानी के रंग से रंगीन भी कर सकेंगे.
यूपी सरकार ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दिलाने की दिशा में एक कदम और बढ़ा दिया है. बच्चों को पढ़ाने के लिये प्रत्येक स्कूल को टीचिंग लर्निंग मैटेरियल (टीएलएम) की खरीद के लिये 1500 रुपये सालाना उपलब्ध कराए जायेंगे.
शिक्षा में दिखेगी समानता ,मनमानी भी रुकेगी
बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक बच्चों को खेल- खेल में सिखा सकें इसके लिये टीचिंग लर्निंग मैटेरियल खरीदने को 300 रुपये प्रति शिक्षक दिया जा रहा था. जिस स्कूल में जितने शिक्षक कार्यरत हैं उन सभी को टीएलएम का पैसा मिल रहा था. शिक्षकाें को पैसा न मिलने की शिकायत भी मिलती रहती थीं. टीएलएम के बजट से हर शिक्षक अपनी मनमर्जी से शिक्षण सामान खरीदकर बच्चों को सिखाता आ रहा था. स्थिति यह है कि यदि किसी स्कूल में चार शिक्षक हैं तो वह चार तरीके की शिक्षण अधिगम सामिग्री (टीचिंग लर्निंग मैटेरियल) की खरीद कर रहे हैं. सरकार ने इस पुरानी व्यवस्था को खत्म कर दिया है.
टीचिंग लर्निंग मैटेरियल सूची में केवल 20 वस्तुएं
टीएलएम निर्माण सामि्ग्री सूची
बेसिक शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक पत्र जारी कर टीचिंग लर्निंग मैटेरियल की खरीद के लिये बजट- मात्रा और संख्या सबकुछ निर्धारित कर दिया है. अब स्कूल के खाते में प्रत्येक साल 1500 रुपये जारी किये जायेंगे. प्रधान अध्यापक इससे बीस प्रकार की बस्तुएं खरीद कर शिक्षकों को उपलब्ध करायेंगे. शिक्षण अधिगम सामिग्री यानि टीचिंग लर्निंग मैटेरियल के तहत उत्तर प्रदेश के प्रत्येक प्राइमरी- जूनियर हाइस्कूल स्केच पेन के तीन सेट खरीद सकेंगे. 12 स्केच वाले एक सेट की अधिकतम कीमत 100 रुपये होगी. 50 रुपये मूल्य की 100 एमएल (मिलीलीटर) वाली फेवीकोल की बोतल और 250- 300 एमल तक की गोद की बोतल खरीदें. गोंद की बोतल की कीमत 85 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिये.