छात्रों में तनाव बढ़ा रहा समय पूर्व शिक्षण सत्र, फैसले के समर्थन में स्कूल संगठन नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन अध्यक्ष डा.सुधा आचार्य ने बताया कि यह निर्देश जरूरी था। कई स्कूल पिछली कक्षाओं को समाप्त करने के साथ ही नई कक्षाओं की पढ़ाई शुरू कर देते हैं।
अभिभावक बोले, हर राज्य में लागू हो समान व्यवस्थाऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि सीबीएसई की इस पहल का स्वागत है। इसका हर राज्य में समान रूप से पालन होना चाहिए। पढ़ाई और परीक्षा से लगातार संबद्ध रहने वाले छात्रों के लिए सुकून आवश्यक है।
अप्रैल से 31 मार्च तक स्कूलों में निर्धारित है शिक्षण सत्र
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। स्कूलोें में समय पूर्व शुरू किया जा रहा शिक्षण सत्र छात्रों में चिंता और तनाव बढ़ा सकता है। ऐसे में कम समय सीमा में पूरे वर्ष के पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए शैक्षणिक सत्र कुछ जल्दी शुरू करने से स्कूलों को बचना चाहिए।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूलों को शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से पहले शुरू करने पर चेतावनी दी है। यह चेतावनी कई 10वीं,12वीं के स्कूलों द्वारा शैक्षणिक सत्र शुरू करने के बाद दी गई है।
सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने आदेश में कहा कि यह गौर किया गया है कि कुछ स्कूलों ने अपना शैक्षणिक जल्दी शुरू कर दिया है।
बोर्ड ने कहा कि शैक्षणिक सत्र को पहले से शुरू करने से छात्रों को पढ़ाई से इतर गतिविधियों के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता, जैसे कि कौशल सीखना, नैतिक शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा, कार्य शिक्षा और सामुदायिक सेवा। ये सभी गतिविधियां शिक्षा जितनी ही महत्वपूर्ण हैं। इसलिए प्रधानाचार्यों और संस्थानों के प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि समय से पहले शैक्षणिक सत्र शुरू न किया जाए।बोर्ड ने कहा कि शैक्षणिक सत्र को पहले से शुरू करने से छात्रों को पढ़ाई से इतर गतिविधियों के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता, जैसे कि कौशल सीखना, नैतिक शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा, कार्य शिक्षा और सामुदायिक सेवा। ये सभी गतिविधियां शिक्षा जितनी ही महत्वपूर्ण हैं। इसलिए प्रधानाचार्यों और संस्थानों के प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि समय से पहले शैक्षणिक सत्र शुरू न किया जाए।
Join Basic Wale Whatsapp Group