दो अफसरों की संयुक्त कमेटी करेगी कार्रवाई

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चांट फिरोजपुर मामले में प्रधान की भूमिका संदिग्ध प्रस्ताव पारित कर निरस्त करने में फंसीं प्रधानाध्यापक

पीलीभीत: पूरनपुर स्थित कंपोजिट विद्यालय चांट फिरोजपुर में शासकीय विद्यालय की भूमि पर अवैध अतिक्रमण किए जाने व अतिक्रमण के प्रतिफल के रूप में 3.50 लाख रुपये लिए जाने के मामले में एसडीएम स्तर से दो बार जांच पूरी होने के बाद अब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला पंचायत राज अधिकारी को संयुक्त रूप से मामले में कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। एसडीएम स्तर से भेजी गई जांच रिपोर्ट पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व से परीक्षण कराया गया, जिसके बाद जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान व प्रधानाध्यापिका नीरांजना शर्मा की भूमिका को संदेहास्पद मानते हुए कार्रवाई के आदेश दिए हैं। जांच रिपोर्ट में

नायब तहसीलदार, तहसीलदार व खंड शिक्षा अधिकारी की आख्या के साथ समस्त पक्षकारों के बयान दर्ज कर एसडीएम आशुतोष गुप्ता ने रिपोर्ट जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार को प्रेषित की। रिपोर्ट में विद्यालय की जमीन पर निर्माणाधीन अस्पताल द्वारा किसी तरह के अतिक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। बताया गया कि निर्माणाधीन अस्पताल के स्वामी नमन साहनी विवाद सामने आने के बाद पीछे हट गए। मामले में विवाद को निपटाने के लिए गांव में प्लाटिंग कर विक्रय करने वाले मयंक खंडेलवाल व मयूर खंडेलवाल ने ग्राम प्रधान मुंशीलाल को चेक के माध्यम से 3.50 लाख रुपये प्रदान किए। गवाहों ने बताया कि ग्राम प्रधान ने विवाद के निपटारे के लिए सात लाख रुपये की मांग की थी। बातचीत के बाद 3.50 लाख रुपये में समझौता हुआ । विवाद व समझौता कराने वालों में गांव के ही तुलाराम, गोविंदराम, पूर्व प्रधान पति झम्मन लाल, शंकरलाल आदि का नाम भी सामने आया है। ग्राम प्रधान ने मयंक खंडेलवाल व मयूर से 3.50 लाख रुपये लेने की बात स्वीकार की व कहा कि विवाद के निस्तारण के लिए 3.50 लाख रुपये मिले

थे। जब विद्यालय की दीवार तोड़ी गई व विवाद हुआ तो हम लोगों ने तहसील व थाने में कोई प्रार्थना न पत्र नहीं दिया। जो 3.50 लाख रुपये मिले उसमें से 1.50 लाख 5 रुपये विद्यालय में खर्च कर दिया। ● जिसमें कंप्यूटर उपलब्ध कराना, गणित वाटिका का निर्माण आदि काम शामिल हैं। शेष धनराशि गांव के विकास में खर्च कर दी गई।

निजी महत्वकांक्षाओं से धूमिल हुई छविः गांव के जनप्रतिनिधि व अन्य लोग निजी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए जनपद के बेहतर परिषदीय विद्यालय व उसके स्टाफ की छवि खराब करने की कोशिश में हैं। विद्यालय की जमीन पर अस्पताल निर्माण होने की सूचना मिलने पर प्रधानाध्यापिका ने खंड शिक्षा अधिकारी, खंड विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान को सूचित किया था लेकिन अधिकारियों के स्तर से उचित कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद गांव प्रधान व भूस्वामी के मध्य हुए समझौते एवं उसके बाद हुए कथित विकास कार्यों को लेकर ग्राम प्रधान की जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए। ग्राम प्रधान जांच के दौरान कथित विकास कार्यों से संबंधित कोई अभिलेख नहीं दिखा सका।

डीएम के आदेश पर एसडीएम पूरनपुर से प्राप्त जांच रिपोर्ट का परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान कुछ बिंदुओं पर आख्या मांगी गई जिसके बाद डीएम को रिपोर्ट भेज दी गई। डीएम ने ग्राम प्रधान व प्रधानाध्यापिका के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
-राम सिंह गौतम, एडीएम वित्त एवं राजस्व