एनसीईआरटी की 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से महात्मा गांधी की हत्या और आरएसएस पर प्रतिबंध जैसे कुछ अंश हटाए जाने के आरोपों पर विवाद छिड़ गया है।
इस बीच एनसीईआरटी ने बुधवार को कहा कि इस वर्ष पुस्तकों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पाठ्यक्रम को पिछले वर्ष जून में युक्तिसंगत बनाया गया था।
आरोप है कि एनसीईआरटी के नए शैक्षणिक सत्र के लिए 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में ‘महात्मा गांधी की मौत का देश में सांप्रदायिक स्थिति पर प्रभाव’, ‘गांधी की हिन्दू मुस्लिम एकता की अवधारणा ने कट्टरपंथियों को उकसाया’ और ‘आरएसएस पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध’ सहित कई पाठ्य अंश नहीं हैं। इससे पहले 12वीं की इतिहास की किताब से मुगलों से संबंधित अध्याय हटाने के आरोप भी लग चुके हैं।
भाजपा इतिहास नहीं मिटा सकती कांग्रेस
नई दिल्ली। कांग्रेस ने 12वीं कक्षा की एनसीईआरटी की राजनीतिक विज्ञान की किताब से कुछ संदर्भों को हटाए जाने को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, भाजपा और आरएसएस जितना भी प्रयास कर लें लेकिन इतिहास बदलने वाला नहीं है। आप पुस्तकों में चीजों को बदल सकते हो, लेकिन इतिहास को नहीं। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, आप इतिहास को तोड़-मरोड़ सकते हैं, लेकिन इसे मिटा नहीं सकते हैं। वहीं राज्यसभा के सदस्य कपिल सिब्बल ने मुद्दे पर केंद्र पर तंज करते हुए कहा कि आधुनिक भारतीय इतिहास 2014 से आरंभ होना चाहिए। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और पाटी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा।