उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के कर्मचारियों को समय से पूर्व पदोन्नति हो जाने पर अब तीन सुनिश्चित वित्तीय स्तरोन्नयन (एसीपी) का लाभ नहीं मिलेगा। पदोन्नति से कार्मचारियों को वेतनमान वृद्धि का जो लाभ मिलता है उसकी वजह से उसे एक एसीपी से वंचित होना पड़ेगा।
इस आशय का आदेश मंगलवार को जारी किया गया। जिसके तहत अवर अभियंता (जेई) यदि पदोन्नति नहीं पाता तो तीन एसीपी के साथ उसका अंतिम वेतनमान 6600 होगा। आदेश में लिखा है कि यदि किसी शासकीय सेवक की पदोन्नति 10 साल की सेवा पूरी होने से पहले ही ऐसे पद पर हो जाती है, जिसका वेतन मैट्रिक्स लेवल-11 (अपुनरीक्षित ग्रेड पे 6600 रुपये) या उससे अधिक है तो उसे प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन (एसीपी) का लाभ नहीं मिलेगा। यदि पदोन्नति 16 साल की सेवा पूरी होने से पहले हो जाती है,तो उसे दूसरी एसीपी का लाभ नहीं मिलेगा। यदि पदोन्नति 26 साल की सेवा पूरी होने से पहले हो जाती है, तो उसे तीसरी एसीपी का लाभ नहीं मिलेगा। संघर्ष समिति के शैलेंद्र दुबे का कहना है कि प्रबंधन का यह आदेश ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते के विपरीत है।
जेई संवर्ग की व्यवस्था (समयबद्ध एसीपी मिलने पर)
मूल पद का वेतन प्रथम एसीपी द्वितीय एसीपी तृतीय एसीपी
4600 रुपये 4800 रुपये 5400 रुपये 6600 रुपये
(पदोन्नति होने पर)
4600रुपये 5400 रुपये 6600रुपये 8700रुपये