शिक्षकों के प्रमोशन को बना दी मनमानी सूची, विवाद तय

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बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत सहायक अध्यापकों के प्रमोशन को लेकर अड़चनें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 की अनदेखी करते हुए मनमानी सूची बना दी है जिसके कारण विवाद होना तय है। नियमावली के मुताबिक जेष्ठता सूची अध्यापक की मौलिक नियुक्ति तिथि से तय होती है।

यदि नियुक्ति तिथि समान है तो चयन के समय गुणांक के आधार पर बनाई गई सूची ही वरिष्ठता का आधार मानी जाती है। यदि गुणांक भी समान हैं तो अधिक जन्मतिथि वाला अभ्यर्थी वरिष्ठ माना जाता है। लेकिन बलिया, बाराबंकी समेत कई जिलों ने नियुक्ति तिथि समान होने पर जन्मतिथि के आधार पर वरिष्ठता तय कर दी है। इसके चलते गुणांक के आधार पर वरिष्ठता का दावा कर रहे शिक्षकों में असंतोष है। यदि संबंधित जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी 22 अप्रैल तक आपत्ति का निस्तारण नहीं करते तो मामला कोर्ट जाना तय है।

शिक्षकों की अनन्तिम वरिष्ठता सूची जारी

प्रयागराज। सालों बाद होने जा रहे परिषदीय शिक्षकों के प्रमोशन के लिए प्रयागराज की अनन्तिम वरिष्ठता सूची जारी कर दी गई है। मानव संपदा पोर्टल पर जारी सूची पर शिक्षक 21 अप्रैल तक ऑनलाइन आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। कुल 7755 शिक्षकों की सूची जारी की गई है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल ने 25 अप्रैल तक पदोन्नति के आदेश दिए हैं।

प्रतापगढ़ बीएसए ने टीईटी को नकारा

प्रमोशन में टीईटी अनिवार्य किए जाने के राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की गाइडलाइन और हाईकोर्ट के आदेश को प्रतापगढ़ बीएसए ने मानने से इनकार कर दिया है। कुछ शिक्षकों ने उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी पास होने पर ही प्रमोशन करने का अनुरोध किया था। लेकिन बीएसए प्रतापगढ़ ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव के आदेश का हवाला देते हुए टीईटी को अनिवार्यता को मानने से इनकार कर दिया है।

● नियुक्ति तिथि समान होने पर गुणांक को बनाते हैं आधार●

● बलिया, रायबरेली समेत कई जिलों में मिली विसंगति

● गुणांक की बजाय आयु के आधार पर बना दी लिस्ट