अल नीनो के चलते यह साल सर्वाधिक गर्म रहेगा। कयास लगाया जा रहा है कि वर्ष 2023 और 2024 में दुनियाभर में न्यूनतम तापमान का रिकॉर्ड टूट सकता है। वैश्विक तापमान में 1.2 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी पहले ही हो चुकी है। अब इसमें 1.5 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी संभव है।
यूरोपीय संघ के कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सीसीसीएस) के अनुसार, प्रशांत महासागर में तीन साल तक ला नीना के प्रभाव के बाद अल नीनो की वापसी के संकेत हैं। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ला नीना से तापमान में हुई गिरावट अल नीनो के कारण तेज हो सकती है।
भारत में चिंता बढ़ी भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) का अनुमान है कि भारत में मानसून के दौरान अल नीनो की संभावना 70 फीसदी तक है। जून- जुलाई और अगस्त में इसका प्रभाव ज्यादा दिख सकता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के अर्थ सिस्टम के मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर रघु मुर्तुगुड्डे का अनुमान है कि भारत में मानसूनी बारिश में 15 तक की गिरावट संभव है। दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत द्वीप वाले देशों में भी सूखे, बारिश के अभाव में स्थितियां बिगड़ सकती हैं। इंपीरियल कॉलेज लंदन के ग्रैंथम इंस्टीट्यूट की मौसम विज्ञानी फ्रेडरिक ओट्टो का कहना है कि 2016 में पड़ी गर्मी 2023 में रिकॉर्ड तोड़ देगी। इसका एक कारण जीवाश्म ईंधनों का बढ़ता प्रयोग भी है।
उम्मीदअगले पांच दिनों में गर्मी से राहत
मौसम विभाग ने शनिवार को कहा कि देश के ज्यादातर भागों में अगले पांच दिनों तक गर्मी का प्रकोप कम रहेगा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, आमतौर पर ट्रफ से बादल घिरते हैं और बारिश होती है, जिससे तापमान में गिरावट होती है।