वीडियो कॉल से राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघों ने विरोध किया, प्राथमिक स्कूल शिक्षा को लेकर शिकायत की
लखनऊ। 28 अप्रैल 2023 राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश प्रतिनिधि अजीत सिंह के नेतृत्व में स्कूली शिक्षा से मिला व मूल्यांकन प्रकोष्ठ द्वारा वीडियो कॉल से विद्यालयों के निरीक्षण के कड़ा विरोध किया।
प्रदेश के अध्यक्ष ने कहा कि स्कूल शिक्षा एवं परियोजना राज्य निदेशक लखनऊ के कार्यालय आदेश पत्र 2244-2544 / 2023-24 दिनांक 24 अप्रैल 2023 के द्वारा प्रतिदिन 10 परिषदीय विद्यालयों का ऑनलाइन निरीक्षण (वीडियो कॉलेज/वायस कॉल) जिला एवं प्रशिक्षण संस्थान में मूल्यांकन प्रकोष्ठ के द्वारा किया जा रहा है। उक्त क्रम के कारण शिक्षा परिषद का शिक्षक स्वयं का अपमान महसूस करता है, क्योंकि सभी स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश द्वारा जारी क्रम में प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों का दृश्य अवलोकन जुलाई 2022 से जनपद स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा निरन्तर अब तक किया जा रहा है रहा है, नज़र में शिक्षकों की सूची को डिफाल्टर शिक्षक सूची के नाम से जारी किया गया कार्यालय से जारी किया गया शिक्षक की गरिमा को चाहने का कार्य है तथा आंख स्कूल शिक्षा कार्यालय से जारी वीडियो/ऑडियो के माध्यम से ऑनलाइन अवलोकन का नवीनतम आदेश शिक्षकों की प्रमाणिकता जिस्का राष्ट्रीय शिक्षा महासंघ उत्तर प्रदेश घोर निंदा करता है। वीडियो कॉल से शिक्षिकाओं की निजता का हनन और सुरक्षा प्रभावित होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
प्रदेश के मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि उल्लेख जी का उल्लेख शिक्षा के प्रति विशिष्ट दृष्टिकोण है, शब्द पूर्ण करने के लिए शिक्षक अपने विद्यालयों कायाकल्प से लेकर डेक्सटर प्रदेश बनाने तक पूर्ण समर्पित भाव से कार्य कर रहा है। विभागीय अधिकारियों द्वारा शिक्षकों की विभिन्न स्थिति जैसी समान/नियुक्ति, अंत: परिवर्तन जनपदीय स्थानान्तरण आदि और विभागीय विफलताओं से ध्यान हटाने की नीयत से नित नए आदेश जारी करके शिक्षकों को अपमान करके मनोबल गिराने का कार्य किया जा रहा है। जबकि डीबीटी, यूडियास प्लस, प्रेरणा डीसीएफ, छात्र पंजीकरण, शिक्षा प्रशिक्षण, दीक्षा ऐप, सरल ऐय, समर्थ ऐप, रीड एलांग ऐप, डेक्सटर गोल ऐप, शारदा ऐप, स्विफ्ट चैट, गूगल मीट, यू ट्यूब सेशन आदि के साथ परिवार सर्वेक्षण जैसे जटिल जटिल कार्यों को अमृत शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश बिना कोई संसाधन कराये जबरन शिक्षक उपलब्ध करा रहे हैं। जिसका मूल में सीबीएसई शिक्षा विभाग संचालित ऑनलाइन व्यवस्था/विभिन्न वेबसाइट की स्थापना और डाटाबेस व्यय पर हितसाधक समूह की अवैध कमाई तथा शिक्षा में गुणवत्ता व नवाचार के नाम पर लागू ऑनलाइन व्यवस्था शिक्षक को रचनात्मकता से विरत करके भय का माहौल बनाकर लिपिक बनाना तथा शिक्षा के नाम पर शिक्षाविद /शिक्षक को दुष्प्रचार व नीचा दिखाने की गहरी भावना हो रही है।
प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि शिक्षकों की गरिमा व शिक्ष पहचान की सुरक्षा और समाज में शिक्षक के विशिष्ट स्थान होने के दृष्टिगत ऑनलाइन अवलोकन (वीडियो उपलब्ध कॉल/वायस कॉल) को सदस्यता रद्द करना तथा परिवार सर्वेक्षण जैसे तकनीकी रूप से जटिल कार्य को बिना संसाधन कराये शिक्षकों पर अनावश्यक भ्रम विभागीय अधिकारियों द्वारा गोपनीयता भंग किए जाने का भ्रम होता है। अन्यथा की स्थिति में संगठन जनपद के शिक्षकों का आह्वान करेगा कि वे अपने व्यक्तिगत मोबाइल/टेबलेट या लिपटाप से कोई भी ऑनलाइन विभागीय कार्य न करें और एमएसए शिक्षा विभाग के सकल का बहिष्कार करेंगे।
शिक्षा मंत्री को भेजा गया:-
प्रमुख सचिव शिक्षा को भेजा गया