सिद्धार्थनगर जिले में शिक्षा से वंचित बच्चों को चिह्नित कर परिषदीय विद्यालयों में उम्र के हिसाब से उन्हें दाखिला दिलाया जाएगा। साथ ही बच्चों का किस स्कूल में कौन सी कक्षा में दाखिला कराया गया है, इसका रिकॉर्ड शारदा पोर्टल पर अपलोड करना होगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रवेश की प्रक्रिया में बदलाव की जानकारी सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेज दी है। बच्चों की उम्र कितनी भी हो, लेकिन उसे कक्षा एक से ही पढ़ाई शुरू करनी होती थी। पहले कक्षा एक में प्रवेश के लिए आयु निर्धारण छह वर्ष किया गया था, पर अब पांच से छह वर्ष के बीच का उम्र होने पर ही कक्षाओं में दाखिला दिलाया जाएगा।
जिन बच्चों को शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत उम्र के हिसाब से दाखिला मिलेगा उनकी शिक्षा का स्तर कक्षा के अनुरूप लाने के लिए विशेष कक्षाओं में पढ़ाई होगी। विशेष पाठ्यक्रम के आधार पर लिखना और पढ़ना सिखाने के साथ उनकी कक्षा तक का पाठ्यक्रम पूरा कराया जाएगा। विशेष कक्षाओं के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जब तक बच्चा पढ़ना और लिखना नहीं सीख पाता तब तक पहले मौखिक रूप से ही याद कराया जाएगा और विभिन्न विषयों के चैप्टर से संबंधित जानकारी कंठस्थ कराई जाएगी। शिक्षकों का कहना है कि बच्चा यदि उम्र में बड़ा है तो वह जल्दी पढ़ना-लिखना सीख पाएगा। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा क ओर से आए पत्र के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत परिषदीय समेत कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में कक्षा एक में प्रवेश के लिए एक अप्रैल से 31 जुलाई के बीच बच्चे की आयु निर्धारण छह वर्ष अनिवार्य की गई थी। जिससे बच्चे प्रवेश से वंचित होने का मामला आया। इसके बाद निर्धारित आयु में शिथिलता प्रदान करते हुए शैक्षिक सत्र के प्रारंभ में ही प्रवेश की सुविधा अनुमन्य किए जाने की अनुमति प्रदान की गई है। वर्तमान में जिन छात्रों का कक्षा एक में प्रवेश हुआ है तथा जिनकी आयु पांच से छह वर्षों के बीच हैं, उन्हें कक्षा एक में अध्ययन की अनुमति पूर्व की भांति प्रदान की जाएगी.
शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत आउट ऑफ स्कूल बच्चों की चिह्नित कर उनकी उम्र के हिसाब से दाखिला कराया जाएगा। बच्चों की शिक्षा उनकी कक्षा के स्तर तक लाने के लिए विशेष कक्षाओं का संचालन होगा। चिह्नित बच्चों का रिकॉर्ड शारदा पोर्टल पर भी अपलोड करना होगा। कक्षा एक में प्रवेश के लिए पूर्व में निर्धारित आयु में शिथिलता बरतते हुए छूट प्रदान का निर्देश मिला है।
– देवेंद्र कुमार पांडेय, बीएसए