मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आज अगर कहीं आपदा आती है तो लोगों को ये विश्वास रहता है कि सरकार की ओर से राहत भी आ रही होगी। पहले प्रदेश में कभी 40 जिले बाढ़ प्रभावित माने जाते थे, आज हमने इस खतरे को चार से पांच जिलों में समेटने का काम किया है।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को गोमती नगर विस्तार में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के 66.40 करोड़ की लागत से डेढ़ एकड़ में बनने जा रहे पांच मंजिला इमारत का शिलान्यास के दौरान यह बातें कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में आपदा मित्रों को रखा जाए और अच्छा काम करने वालों को व्यवस्था के साथ जोड़ते हुए उचित मानदेय दिया जाए।
यूपी में हमेशा आपदा का खतरा उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में नौ प्रकार का क्लाइमेटिक जोन है। यहां आपदा की आशंका हमेशा बनी रहती है। यूपी की सीमा नेपाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, दिल्ली, मध्य प्रदेश, झारखंड से मिलती है। यहां हिमालय से आने वाली नदियों के कारण बाढ़ का खतरा जुलाई से अक्तूबर तक रहता है।
सभी जिलों में आकाशीय बिजली से अलर्ट मिलेगा
सीएम योगी ने कहा कि आकाशीय बिजली से अलर्ट करने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम प्रदेश के सभी जिलों में लगाने का काम हो रहा है। रेन गेज सिस्टम हर ग्रामसभा में लगाने जैसे अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने 2017 में एसडीआरएफ की तीन बटालियन का गठन किया था। आज इसके पास अपना मुख्यालय और उपकरण है। इस दौरान राजस्व राज्यमंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि, विधायक डा. राजेश्वर सिंह, यूपी राज्य आपदा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल आरपी शाही आदि मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने यूपी राज्य आपदा प्रबंधन योजना 2023 और बाढ़ कार्य योजना 2023 पुस्तकों का विमोचन किया। जनजागरूकता के लिए तीन लघु फिल्में व रेडियो जिंगल का उद्घाटन किया। सीएम ने एनडीआरएफ के विनय कुमार, जितेन्द्र सिंह यादव, अखिलेश कुमार सिंह, पुष्पेन्द्र और मनीष कुमार को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया। इसके अलावा उन्होंने एसडीआरएफ के चंदेश्वर, रमेश चंद्र मिश्र, राजदीप सिंह चौहान, अजय सिंह, किशन कुमार को सम्मानित किया।