दिव्यांग भत्ता-दिव्यांग शिक्षकों को जिलों में अलग-अलग राशि का किया जा रहा भुगतान, अफसर अपने हिसाब से तय कर रहे वाहन भत्ता

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दिव्यांग भत्ता….

*दिव्यांग शिक्षकों को जिलों में अलग-अलग राशि का किया जा रहा भुगतान*

*अफसर अपने हिसाब से तय कर रहे वाहन भत्ता*

■ एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : दिव्यांग बेसिक शिक्षकों को किसी जिले में 1,000 रुपये वाहन भत्ता मिल रहा है तो किसी जिले में 400 और 600 रुपये दिए जा रहे हैं। कई जिले ऐसे भी हैं, जहां दिव्यांगों को भत्ता देने से ही इनकार कर दिया गया। तय नियम के अनुसार 4200 रुपये ग्रेड पे से ज्यादा वाले कर्मचारियों को 1,000 रुपये भत्ता दिए जाना चाहिए, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग में जिले के अफसर अपने हिसाब से भत्ता तय कर रहे हैं। इस संबंध में शिक्षक विकलांग कल्याण विभाग से लेकर केंद्र सरकार तक चिट्ठियां लिख चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।

➡️ *केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार विकलांग शिक्षकों को वाहन भत्ता/विकलांग भत्ता दिया जाता है।यह भत्ता ग्रेड पे के आधार पर तय किया गया है। लेकिन बाराबंकी में निःशक्त शिक्षकों को 400 रुपये, सीतापुर और पीलीभीत अधिकारी 1000 रुपये जबकि मिर्जापुर में 600 रुपये भत्ता दिया हैं।अमेठी में दिव्यांग भत्ता दिया ही नहीं जा रहा।*

➡️ *बाराबंकी में शिक्षकों ने जब BSA से इस बारे में पूछा तो उन्होंने वित्त एवं लेखाधिकारी को पत्र लिखा तो उन्होंने जवाब दिया कि परिषदीय शिक्षकों को यह भत्ता देय नही है।राज्य कर्मचारियों को ही देय है।*

➡️ प्राथमिक शिक्षक संघ के बाराबंकी के अध्यक्ष निर्भय सिंह कहते हैं कि कोई एक व्यवस्था होनी चाहिए,अधिकारी जैसा चाहते हैं अपने अनुसार व्यवस्था बना लेते हैं।

➡️ प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह भी कहते हैं कि यह भत्ता शिक्षकों को उनकी शारीरिक अक्षमता के कारण दिया जा रहा है।यह सभी जिलों में समान रूप से लागू होना चाहिए।

➡️दिव्यांग शिक्षक लंबे अरसे से यह मसला उठा रहे हैं, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ध्यान ही नहीं दे रहा। यह रवैया ठीक नहीं। भत्ता मिलेगा तो कितना मिलेगा या मिलेगा ही नहीं, एक सर्कुलर जारी कर स्थिति स्पष्ट कर देनी चाहिए। इसमें समस्या कहां आ रही है, यह समझ से परे है।

➡️ *” इस बारे में जानकारी नहीं है। जो व्यवस्था है, उसका पालन होना चाहिए। पता करके नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”*

*- विजय किरण आनंद,*

*महानिदेशक- स्कूल शिक्षा*