उच्च शिक्षा विभाग से लेकर माध्यमिक, बेसिक, प्राविधिक, व्यावसायिक शिक्षा, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग में शिक्षकों एवं प्राचार्यों/प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों पर चयन के लिए प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग का आकार प्रदेशभर के सभी भर्ती बोर्डों में सबसे भारी भरकम होगा। नए आयोग में एक अध्यक्ष के अलावा 11 सदस्यों की नियुक्ति का प्राविधान प्रस्तावित है। इनका कार्यकाल अधिकतम तीन वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक के लिए होगा।
प्रदेश की सबसे बड़ी भर्ती संस्था उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में एक अध्यक्ष और आठ सदस्य होते हैं। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में भी एक अध्यक्ष और आठ सदस्यों के पद सृजित हैं। वर्तमान में सबसे बड़ा आकार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का है जो 4500 से अधिक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों की भर्ती करने के साथ ही उनके संबंधी विवादों का निस्तारण भी करता है। इसमें एक अध्यक्ष और दस सदस्य होते हैं। वहीं सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर और प्राचार्यों की भर्ती करने वाले उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में एक अध्यक्ष और सिर्फ छह सदस्य होते हैं। हालांकि सरकार अब चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को समाप्त करते हुए नए आयोग का गठन करने जा रही है।
24 जुलाई के पहले आयोग के गठन की उम्मीद
नए आयोग की अधिसूचना 24 जुलाई से पहले आने की उम्मीद जताई जा रही है। नए आयोग का ड्राफ्ट बनकर तैयार है और शासन को भेजा जा चुका है। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती शुरू करने को लेकर दायर याचिका में 24 जुलाई को हाईकोर्ट में सुनवाई प्रस्तावित है। ऐसे में उससे पहले विधेयक के जरिए आयोग के गठन की उम्मीद जताई जा रही है।