प्रयागराज। एक से पांच तक की कक्षाओं में बीएड बनाम डीएलएड (बीटीसी) विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2021 में सफल 6.60 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र बंटने का रास्ता भी साफ हो गया है। 23 जनवरी 2022 को आयोजित यूपीटीईटी का परिणाम आठ अप्रैल को घोषित हुआ था।
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा में कुल 660592 अभ्यर्थी सफल हुए थे। कक्षा एक से पांच तक के लिए प्राथमिक स्तर की परीक्षा में सम्मिलित 11,47,090 अभ्यर्थियों में से 6,91,903 बीएड और 4,55,183 डीएलएड (बीटीसी) डिग्रीधारी थे। इनमें से 220065 बीएड और 223533 डीएलएड अभ्यर्थियों को सफलता मिली थी। हालांकि प्रमाणपत्र वितरित होने से पहले कुछ डीएलएड अभ्यर्थियों ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका कर दी थी। जिसके बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने कोर्ट का फैसला आने तक प्रमाणपत्र वितरण टाल दिया। अब सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद सवा साल बाद यूपीटीईटी 2021 में सफल अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्र मिलने का भी रास्ता हो गया है। अधिकारियों की मानें तो भले ही प्राथमिक स्तर की शिक्षक भर्ती से बीएड को बाहर कर दिया गया हो लेकिन बीएड अभ्यर्थियों का प्रमाणपत्र रोका नहीं जा सकता।
गौरतलब है कि 23 जनवरी 2022 को आयोजित प्राथमिक स्तर की टीईटी के लिए पंजीकृत 12,91,628 अभ्यर्थियों में से 11,47,090 परीक्षा में सम्मिलित हुए और उनमें से 4,43,598 पास थे। उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी के लिए पंजीकृत 8,73,553 अभ्यर्थियों में से 7,65,921 परीक्षा में सम्मिलित हुए