कुछ राज्य सरकारें कर रही थीं तैयारी
उच्च शिक्षा नियामक का यह निर्देश उन खबरों के बीच आया है जिनमें कुछ राज्य सरकारें विश्वविद्यालयों की ओर से जारी की जाने वाली डिग्रियों और अनंतिम प्रमाणपत्रों (प्रोविजनल प्रमाणपत्र) पर छात्रों का पूरा आधार नंबर प्रकाशित करने पर विचार कर रही हैं। इसका मकसद नियुक्ति अथवा दाखिले की प्रक्रिया के दौरान सत्यापन में उक्त दस्तावेजों के किसी भी तरह के फर्जीवाड़े से बचना है। लेकिन अब यूजीसी के निर्देश के बाद किसी भी छात्र की डिग्री पर कोई भी विश्वविद्यालय आधार नंबर नहीं लिख सकेगा।
नई दिल्ली, एजेंसी। विश्वविद्यालय किसी भी छात्र की डिग्री और अनंतिम प्रमाणपत्रों (प्रोविजनल सर्टिफिकेट) पर उसका आधार नंबर नहीं लिखेंगे। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को इस संबंध में निर्देश जारी किया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों से कहा है कि डिग्री और प्रोविजनल सर्टिफिकेट पर आधार नंबर प्रकाशित करने की अनुमति नहीं है। यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने सभी विश्वविद्यालयों को इस संबंध में पत्र लिखकर कहा है कि नियम के अनुसार, आधार नंबर रखने वाली कोई भी संस्था इससे जुड़े किसी भी डेटाबेस या रिकॉर्ड को उस वक्त तक सार्वजनिक नहीं करेगी, जब तक कि आधार नंबर को उचित तरीकों से संपादित या ब्लैक आउट न कर दिया गया हो।
उच्च शिक्षण संस्थानों को दी गई हिदायत यूजीसी की ओर से जारी किए गए पत्र में यह भी कहा गया है कि सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। यूसीजी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इस संबंध में नोटिस जारी किया है