प्राइवेट स्कूलों को कड़ी टक्कर दे रहें जिले के यह दो परिषदीय स्कूल, आप भी पढ़ें हमारे शिक्षकों की मेहनत के बारे, कैसे हुआ यह सब

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सुविधा में कम नहीं है। छात्र-छात्राओं के लिए झूले, स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर, लाइब्रेरी आदि की व्यवस्था की गई है। स्कूलों की दीवारों पर पेंटिंग बच्चों को संदेश दे रही है। यह सबकुछ शिक्षकों ने खुद और ग्रामीणों के सहयोग से किया है। शिक्षकों ने जन सहभागिता से स्कूलों को कंप्यूटरीकृत कराकर संदेश दिया है कि वह छात्र-छात्राओं को शिक्षा में पीछे नहीं रहने देंगे। शिक्षा के साथ-साथ छात्र-छात्राओं को खेलों में आगे बढ़ाया जा रहा है और सोंटा रसूलपुर व बंतीखेडा प्राथमिक स्कूल के छात्र-छात्राए मंडल स्तर पर पुरस्कार जीतकर जनपद का नाम रोशन कर रहे हैं। मॉडल बने 2 स्कूलों पर एक रिपोर्ट।

सोंटा के स्कूल में पार्क से लेकर कंप्यूटर तक की सुविधा

सोंटा गांव स्थित परिषदीय विद्यालय के सहायक अध्यापक विकास राठी छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद में आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने स्कूल में बेहतर शिक्षा, आकर्षक कक्षा कक्ष, सौंदर्यकरण, पार्क, खेलकूद के मैदान, छात्र-छात्राओं को उचित मंच दिया जा रहा है। उन्होंने खुद व ग्रामीणों की सहभागिता से स्कूल में दो कंप्यूटर, स्मार्ट क्लास, पार्क, का कार्य कराकर स्कूल को मॉडल बनाने में अहम योगदान दिया है। छात्रों का आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति, राज्यस्तरीय खेलकूद, ऑनलाइन उड़ान आदि प्रतियोगिताओं में चयन तक हुआ है। शिक्षक विकास राठी ने छात्रहित में माइक म्यूजिक सिस्टम, फोटो स्टेट मशीन, लैपटॉप, फर्नीचर, दो बैटरी इनवर्टर विद्यालय को अपने वेतन से दिए हैं। उनके परिवार ने स्कूल में एक कमरे का निर्माण भी कराया है। बताया कि आर्यन का चयन आय आधारित स्कॉलरशिप, मुस्कान ने 100 मीटर दौड़ में मंडल पर प्रथम स्थान व राज्य स्तर पर प्रतिभाग, विनीत का ऑनलाइन उड़ान प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। स्कूल में बैडमिंटन, वालीबॉल खेलने के लिए नेट भी लगा रखा है। विकास का चयन राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए भी हुआ है।

बंतीखेडा गांव के प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक उपेंद्र कुमार ने स्कूल को मॉडल बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। उन्होंने स्कूलों की दीवारों पर एक से बढ़कर शिक्षा का संदेश देती हुई पेंटिंग बना रखी है। इतना ही नहीं ज्ञान की देवी माता सरस्वती की तस्वीर भी बनी हुई है। प्रधानाध्यापक ने स्कूल में झूला, स्मार्ट क्लास, तीन कंप्यूटर, तीन स्मार्ट क्लास में एलईडी, वाटर कूलर, जनरेटर, बैंच, पंखे आदि की व्यवस्था कर रखी है। उन्होंने शिक्षा विभाग के बजट, शिक्षकों व जन सहभागिता से स्कूल को मॉडल बनाया है। स्कूल में रात में रोशनी रहती है और दीवारों पर लगी लाइट जलती है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि दौड़, कबड्डी में छात्र-छात्राएं अपना परचम लहरा रहे हैं। पिछले तीन साल में दौड़ में मंडल स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया था और राज्य स्तर पर चौथे स्थान पर रहा था। कबड्डी में दो साल पुरस्कार जीते हैं। यहां छात्रों को खेलकूद का अभ्यास कराया जाता है।

आज विकास राठी को मिलेगा राज्य पुरस्कार

सोंटा रसूलपुर गांव के सहायक अध्यापक विकास राठी को मंगलवार को लखनऊ में राज्य पुरस्कार के लिए सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए वह लखनऊ रवाना हो गए है। उन्होंने कहा कि उनकी मेहनत का फल है कि उन्हें राज्य पुरस्कार से नवाजा जा रहा है।