लखनऊ, । प्रदेश के समाज कल्याण विभाग की योजनाओं में भ्रष्टाचार रोकने को एक कमाण्ड सेंटर कायम किये जाने और विभाग के सुपरवाइजरों को प्रवर्तन इकाई के रूप में विकसित करने की तैयारी है। अपराधियों से लंबे समय तक जूझने वाले आईपीएस अधिकारी असीम अरुण ने समाज कल्याण मंत्री बनने के बाद विभाग की योजनाओं में भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए यह पहल की है।
अब छात्रवृत्ति, वृद्धावस्था पेंशन, शादी अनुदान, पारिवारिक लाभ योजना आदि अरबों रुपये की योजनाओं में विभाग के कार्मिकों और दलालों की मिलीभगत से होने वाले भ्रष्टाचार को पूरी तरह खत्म करने के लिए कमांड आफिस खोले जाने की तैयारी की है। असीम अरुण ने बताया कि कमाण्ड आफिस के संचालन की जिम्मेदारी समाज कल्याण पर्यवेक्षकों को दी जाएगी। इस सवंर्ग को प्रवर्तन इकाई के रूप में विकसित किया जाएगा। अभी हाल ही इन पर्यवेक्षकों को टैबलेट व लैपटाप प्रदान किए गए हैं। अब इन्हें जिलों में जाकर जांच पड़ताल करने के लिए यात्रा भत्ता और अपना मुखबिर तंत्र विकसित करने के लिए सहूलियतें प्रदान की जाएंगी।