लखनऊ। यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की मुख्य सेविका भर्ती परीक्षा में बिहार के सॉल्वर गैंग ने अभ्यर्थियों के दस्तावेज जमा कराए फिर इनका ब्योरा लेकर सॉल्वर महिलाओं का फर्जी आधार बनवा लिया था। ये कार्ड भी सॉल्वरों के पास बरामद हुए थे।
मूल अभ्यर्थियों के नाम, पता मिलने के बाद पुलिस की तीन टीमों ने तलाश शुरू कर दी है। सात थानों में दर्ज केस की विवेचना को तीन टीमें बनी। साल्वर गिरोह के आधा दर्जन सदस्यों की भी तलाश की जा रही है।
यूपीएसएसएससी ने रविवार को मुख्य सेविका भर्ती परीक्षा कराई। एआई की मदद से आयोग सदस्यों को पता चला था कि बिहार के गिरोह ने सॉल्वर भेजे हैं। इस पर कई टीमें बनाकर आयोग के सदस्य सम्बन्धित परीक्षा केन्द्रों पर पहुंचे थे। आठ महिला सॉल्वर, हजरतगंज और मड़ियांव से दो बिचौलिए आकाश और धर्मेंद्र पकड़े गये थे।
फर्जी आधार कार्ड पर फोटो सॉल्वर की थी
आयोग से सम्बद्ध एजेन्सी इनोवेटिव विव इण्डिया प्रा. लि. ने परीक्षा संचालन की जिम्मेदारी ली थी। आयोग के सदस्य शंकर दत्त झा, मो. सुलतान ने ही गड़बड़ी की शिकायत परीक्षा केन्द्रों के प्रधानाचार्य से की थी। शंकरदत्त झा ने कई स्थानों पर रिपोर्ट करायी थी। तहरीर में आरोप लगाया है कि जुबिली इंटर कालेज में मूल परीक्षार्थी रीता की जगह रिंकी कुमारी ने परीक्षा दी थी। उसके पास से फर्जी आधार कार्ड मिला था। रिंकी ने बताया कि यह आधार कार्ड उसे यहां बैठाने वाले आकाश ने बनवाया था।
इस आधार कार्ड पर फोटो रिंकी की थी लेकिन ब्योरा रीता का ही था।
तीन टीम पड़ताल में लगी
आशियाना, अमीनाबाद, मड़ियांव, वजीरगंज, गोमतीनगर, मदेयगंज समेत सात स्थानों पर बनाये गये परीक्षा केन्द्रों पर साल्वर को बैठाने के लिये गिरोह ने कई लोगों की मदद ली थी। गिरोह के सम्पर्क में रही मूल अभ्यर्थियों का पता लगाने के लिये तीन टीमें पड़ताल में लग गई थी।
लखनऊ। यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की मुख्य सेविका भर्ती परीक्षा में बिहार के सॉल्वर गैंग ने अभ्यर्थियों के दस्तावेज जमा कराए फिर इनका ब्योरा लेकर सॉल्वर महिलाओं का फर्जी आधार बनवा लिया था। ये कार्ड भी सॉल्वरों के पास बरामद हुए थे।
मूल अभ्यर्थियों के नाम, पता मिलने के बाद पुलिस की तीन टीमों ने तलाश शुरू कर दी है। सात थानों में दर्ज केस की विवेचना को तीन टीमें बनी। साल्वर गिरोह के आधा दर्जन सदस्यों की भी तलाश की जा रही है।
यूपीएसएसएससी ने रविवार को मुख्य सेविका भर्ती परीक्षा कराई। एआई की मदद से आयोग सदस्यों को पता चला था कि बिहार के गिरोह ने सॉल्वर भेजे हैं। इस पर कई टीमें बनाकर आयोग के सदस्य सम्बन्धित परीक्षा केन्द्रों पर पहुंचे थे। आठ महिला सॉल्वर, हजरतगंज और मड़ियांव से दो बिचौलिए आकाश और धर्मेंद्र पकड़े गये थे।