छोटे शहरों में मनमाने मकान नहीं बनेंगे
लखनऊ, विशेष संवाददाता। राज्य सरकार बड़े शहरों की तरह छोटे शहरों में सुनियोजित विकास कराने के लिए भवन निर्माण के लिए मानक तय कराने जा रही है। इसके लिए आवास विभाग तय मानक के अनुसार भवन बनाने के लिए भवन निर्माण एवं विकास उपविधि तैयार कराने जा रहा है। इसे छोटी नगर पालिका परिषदों, नगर पंचायतों और जिला पंचायतों में अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा।
रुकेगा अवैध निर्माण बड़े शहरों से सटे छोटी नगर पंचायतों व पालिका परिषदों और जिला पंचायतों में अवैध निर्माण सबसे बड़ी समस्या है। मॉडल भवन विकास उपविधि न होने की वजह से मनमाने तरीके से भवनों का निर्माण तेजी से हो रहा है। इससे अवैध निर्माण को बढ़ावा मिल रहा है। सड़क से सटी जमीनों पर मनमाने तरीके से व्यवसायिक भवनों के निर्माण में तय मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे भविष्य में ऐसे भवनों से खतरा हो सकता है।
भू-उपयोग के आधार पर बनाने की अनुमति प्रदेश में एक लाख से अधिक आबादी वाले 59 शहरों में मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। दूसरे चरण में 50 हजार से एक लाख तक की आबादी वाले 63 शहरों में मास्टर प्लान बनवाने की योजना है। इसके लिए बड़े शहरों की तरह छोटे शहरों में भी भवन विकास उपविधि के अनुरूप नक्शा पास किया जाए। उच्च स्तर पर इसको लेकर सहमति बन गई है।
क्या है व्यवस्था
● अभी बोर्ड स्तर से नियमों के आधार पर नक्शे पास होते हैं
● बड़े नक्शे पास करने में मनमाना तरीका अपना जाता है
● जमीनों के भू-उपयोग का ध्यान नहीं रखा जाता
● मॉडल भवन विकास उपविधि सभी के पास नहीं
क्या होगा फायदा
● मॉडल विकास उपविधि तैयार कराई जाएगी, इसे छोटे निकायों को अपने यहां लागू करना होगा
● तय भू-उपयोग के आधार पर नक्शा पास किया जाएगा
● एकल नक्शे में तीन मंजिला निर्माण होगा, व्यावसायिक के लिए फ्लोर एरिया पर नक्शा पास होगा