नई दिल्ली, ड्यूटी के दौरान शहादत देने वाले अग्निवीरों के परिजनों के लिए हालांकि रक्षा मंत्रालय की सहायता करीब-करीब नियमित जवानों जैसी ही है, लेकिन पारिवारिक पेंशन जैसी कोई स्थाई सुविधा नहीं होने से सरकार पर दबाव बढ़ रहा है
तीनों सेनाओं में पिछले साल अग्निपथ योजना शुरू की गई थी जिसके तहत जवानों की चार साल के लिए भर्ती का प्रावधान है। अब अग्निवीरों की तैनात अग्रिम मोर्चे पर होने लगी है। एक दिन पहले ही एक अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान सियाचिन में शहादत हुई है। हालांकि इससे पहले भी एक अग्निवीर की मृत्यु हो चुकी है लेकिन वह ड्यूटी के दौरान नहीं हुई थी।
योजना में सुधार को रक्षा मंत्रालय गंभीर
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अग्निपथ योजना को लेकर सरकार के पास अनेक सुझाव आए हैं इनमें से कुछ को स्वीकार कर योजना को सुधारने को लेकर रक्षा मंत्रालय गंभीर है। जैसे 25अग्निवीरों को नियमित करने के मौजूदा प्रावधान को 50 करने और शहादत की स्थिति में कुछ और लाभ परिजनों को दिए जाना शामिल है। कांग्रेस ने केंद्र पर देश की सुरक्षा प्रणाली के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। सियाचिन में अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण की मौत का जिक्र करते हुए पार्टी ने अग्निवीरों को नियमित सैनिकों की तरह सम्मान देने की मांग की है।