प्रयागराज, जगत तारन गोल्डेन जुबिली स्कूल की शिक्षिकाओं डॉ. स्वप्ना मुखर्जी और अंकिता लाहिरी के अनूठे गोलाकार कैरम बोर्ड की डिजाइन को भारत सरकार के पेंटेंट कार्यालय ने ह्यकैरम बोर्ड विद कोनिक सेक्शनह्ण को पेटेंट (एकस्व अधिकार) प्रदान की है। पेंटेंट कार्यालय की ओर से 25 जुलाई को जारी प्रमाणपत्र हाल ही में मिलने पर स्कूल में खुशी की लहर दौड़ गई।
डॉ. स्वप्ना मुखर्जी ने बताया कि कोविड-19 महामारी में ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान छात्र-छात्राओं को प्रेरित रखना बड़ी चुनौती थी। छात्रों को ज्यामिति में शंकु पाठ की महत्वपूर्ण अवधारणा को समझाने के लिए एक गोलाकार कैरम बोर्ड का आविष्कार किया, जिसका उपयोग हम सर्कल के गुणों को समझाने और समस्याओं को हल करने के लिए करते थे। इस मॉडल को पेटेंट कराने का विचार आईआईआईटी झलवा के प्रो. अमित प्रभाकर और डॉ. दीपिका सिंह ने दिया। इसके बाद प्रिंसिपल सुष्मिता कानूनगो के सहयोग से आवेदन किया और कॉलेज को पेटेंट के रूप में उपलब्धि हासिल हुई।