यूपी में शिक्षकों को मनचाहे ट्रांसफर के लिए देनी होगी परीक्षा, योगी सरकार नई व्यवस्था की तैयारी में

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लखनऊ। मनचाहे तबादले के लिए गुरुजी को अब परीक्षा पास करनी पड़ेगी। सरकार शिक्षकों के स्थानांतरण प्रक्रिया में एक नया बिन्दु जोड़ने जा रही है। इसके तहत परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को मनचाहे स्कूलों में तैनाती के लिए अब कम्प्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) पास करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री अभ्यूदय एवं कम्पोजिट विद्यालयों के लिए श्रेष्ठ शिक्षकों का चयन भी इसी परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा।

प्रदेश के स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार यह नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। इसके तहत मेरिट के आधार पर शिक्षकों प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार का मानना है कि मेरिट के आधार पर शिक्षकों को स्कूल आवंटित करने से शिक्षकों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और वे अधिक से अधिक बेहतर परिणाम दे सकेंगे। सभी जिलों में इस परीक्षा का आयोजन किया जाएगा।

स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनन्द की माने तो परीक्षा की तैयारियां शुरू कर दी गई है। अगले महीने से ही इसे लागू किया जाएगा। शुरुआत मुख्यमंत्री अभ्यूदय कम्पोजिट विद्यालयों से की जाएगी। इसके लिए श्रेष्ठ शिक्षकों को चुनने के लिए यह परीक्षा ली जाएगी। सरकार प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक मुख्यमंत्री अभ्यूदय विद्यालय खोलने जा रही है।

प्रति वर्ष हो सकेगा स्थानांतरण

प्रदेश के 24 हजार कम्पोजिट विद्यालयों में भी शिक्षकों के चयन के लिए सीबीटी का आयोजन किया जाएगा। हर साल शिक्षकों के मनचाहे स्थानांतरण के लिए भी इसी परीक्षा के माध्यम से चयन किया जाएगा। प्रदेश में 1.39 लाख परिषदीय स्कूलों में इस समय 4.55 लाख शिक्षक तैनात हैं।

विभाग शिक्षकों को प्रशिक्षण भी देगा

शिक्षकों का कार्यक्षमता के साथ-साथ उनका अध्यापन कौशल बढ़े इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों को समय-समय पर सीबीटी से जुड़े मसलों पर प्रशिक्षण भी देगा।

शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए उठाये जा रहे कदम

प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों के अलावा शिक्षा मित्र एवं अनुदेशक भी शिक्षण कार्य में मदद करते हैं। ऐसे में परिषदीय विद्यालयों में अच्छा कार्य कर रहे शिक्षकों की प्रतिभा का प्रयोग कर शिक्षा का स्तर और बेहतर बनाने की दिशा में ठोस व्यवस्था तैयार की जा रही है।