दो-तिहाई लोगों के पास सेवानिवृत्ति की पर्याप्त वित्तीय योजना नहीं

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देश की 73 सहस्त्रत्तब्दी पीढ़ी यानी 1981 और 1996 के बीच पैदा हुए लोगों को लगता है कि उन्होंने सेवानिवृत्ति के लिए पर्याप्त वित्तीय योजना नहीं बनाई है। बुढ़ापे में पेंशन की चिंता से घुल रही यह पीढ़ी फिलहाल काम और जीवन के संतुलन के साथ अपनी मानसिक और शारीरिक सेहत पर ज्यादा तवज्जो दे रही है।

पर्यटन और यात्रा का रोमांच उनके शीर्ष जीवन लक्ष्यों में शामिल है। परिवार और शिक्षा के लिए वित्तीय सुरक्षा भी इनकी शीर्ष प्राथमिकताओं में है। इनमें से 70 लोग परिवार के लिए वित्तीय सुरक्षा चाहते हैं। इन लोगों ने सेवानिवृत्ति के बाद की वित्तीय जरूरतों के बारे में जानकारी होने के बावजूद माना कि उनके पास कोई दीर्घकालिक वित्तीय योजना नहीं है। यह चौंकाने वाली बात कांतार और बजाज आलियांज लाइफ इंडिया के ‘लाइफ गोल्स प्रीपेयर्डनैस सर्वे 2023’ में सामने आई है।

बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर चंद्रमोहन मेहरा ने कहा, सर्वेक्षण में 40 से अधिक जीवन लक्ष्य रखे गए और यह जानने की कोशिश की गई कि भारतीय इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए खुद को कैसे तैयार कर रहे हैं।

अग्रणी रिसर्च फर्म कांतार ने इस सर्वे को महानगरों सहित 13 शहरों में आयोजित किया। इसमें 22 से 55 वर्ष आयु के लोगों को केंद्र में रखा गया। इनमें आधे वेतनभोगी और आधे स्व-रोजगार करने वाले थे। उनसे जीवन के शीर्ष लक्ष्यों को लेकर उनकी तैयारी से जुड़े प्रश्न पूछे गए थे। सर्वे में बदलती जीवन शैली और इस पीढ़ी के बीच संबंध तलाशने का प्रयास हुआ।