उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) ने जिम्मेदार अधिकारियों से शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन से की जा रही एनपीएस कटौती की सूची मांगी है। साथ ही सरकार से एनपीएस घोटाले की जांच एसआईटी से कराए जाने की मांग उठायी है। शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा ने बताया कि 25 जिलों में वर्ष 2005 के बाद से नियुक्त शिक्षक व कर्मचारियों को एनपीएस का लाभ मिल रहा है। इनके प्रान खाते में प्रति माह 10 प्रतिशत स्वयं के वेतन से व 14 प्रतिशत राज्यांश मिलाकर कुल 24 प्रतिशत की धनराशि प्रति माह की दर से खाते में जमा की जानी चाहिये। संगठन विभागीय अधिकारियों से कटौती की सूची मांग रहा है, लेकिन जिम्मेदार सूची को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं।
एकजुट संगठन के प्रदेश अघ्यक्ष सोहन लाल वर्मा का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष में निदेशालय स्तर से 287 शिक्षकों व कर्मचारियों की काटी गयी धनराशि जो एसबीआई, यूटीआई, एलआईसी में निवेश किया जाना था। बाबुओं ने प्राइवेट कम्पनियों से साठगांठ कर कमीशन लेकर यह धनराशि इन कम्पनियों में निवेशित कर दिया। लखनऊ में दो कर्मचारी निलंबित किये गए हैं। संगठन ने पिछले सालों में हुई कटौती की जांच की मांग की है। बेसिक शिक्षा विभाग के करीब तीन लाख शिक्षक व कर्मचारी तथा माध्यमिक शिक्षा के एक लाख से ज्यादा शिक्षक और कर्मचारी कार्यरत हैं। संगठन ने शिक्षकों व कर्मचारियों से मंगलवार को अपने प्रान खाते के साथ नेशनल इण्टर कॉलेज में बुलाया है। ताकि आगे की रणनीति पर विचार विमर्श होगा।