लखनऊ,
प्रदेश भर के पॉलीटेक्निक संस्थानों में 17 दिसम्बर से विषय सेमेस्टर की परीक्षाएं प्रस्तावित कर दी गई हैं। जबकि प्रथम सेमेस्टर 30 अक्तूबर तक प्रवेश काउंसलिंग के बाद प्रवेश दिए गए हैं। ऐसे में प्रथम सेमेस्टर के छात्रों का कोर्स दस से बीस फीसदी ही पूरा हो पाया है और अन्य सेमेस्टर का कोर्स लगभग 40 से 70 फीसदी पढ़ाया गया है। ऐसे दो लाख से अधिक छात्र दुविधा में हैं कि कोर्स पूरा हुए बिना वे परीक्षा कैसे दे पाएंगे।
उत्तर प्रदेश संयुक्त शिक्षा परिषद की ओर से दस चरणों में काउंसलिंग 30 अक्तूबर तक हुई। प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएं लगभग 20 दिन ही चली है और बीस दिन में तीन महीने का कोर्स पूरा नहीं किया जा सकता है। अब बचे हुए दिनों में लगभग दो महीने का कोर्स पूरा कराने की चुनौति है। सबसे ज्यादा भ्रम पॉलीटेक्निक छात्रों में है कि परीक्षा 17 दिसम्बर से होंगी या कोर्स पूरा नहीं होने की वजह से परीक्षा की तिथि आगे बढ़ायी जाएगी।
90 दिन पढ़ाना जरूरी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के नियमानुसार प्रत्येक सेमेस्टर को 90 दिनों में पूर्ण किया जाना चाहिए। अगर परिषद 17 दिसम्बर से ही परीक्षाएं कराता है तो जिन छात्रों का प्रवेश 30 अक्तूबर तक हुआ है तो उन्हे प्रवेश लिए सिर्फ डेढ़ महीना ही होगा। ऐसे में ये छात्र अन्य छात्रों से पिछड़ जाएंगे।
अवकाश के दिनों में अतिरिक्त कक्षाएं
उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा परिषद के सचिव अजीत कुमार मिश्रा ने पॉलीटेक्निक संस्थानों के प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी किए हैं। जिसमें कहा गया कि 17 दिसम्बर से विषम सेमेस्टर की परीक्षा प्रस्तावित है। इसको देखते हुए कोर्स पूरा कराने के लिए अवकाश के दिनों में अतिरिक्त कक्षाएं चलायी जाएं।
इससे उम्मीद है कि कुछ हद तक समस्या दूर की जा सकेगी।