नई दिल्ली, । भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) अपने डू-नॉट-डिस्टर्ब (डीएनडी) ऐप में मौजूद खामियां दूर करने में लगा हुआ है ताकि मोबाइल फोन ग्राहकों को अनचाही कॉल और संदेशों का तत्काल पता लगाने में मदद मिले। हम मार्च तक इस ऐप को सभी एंड्रॉयड फोन के अनुकूल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
ट्राई के सचिव वी रघुनंदन ने मंगलवार को ट्रूकॉलर के एक कार्यक्रम में कहा कि उपभोक्ताओं के सामने आने वाली तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिए डीएनडी ऐप में मौजूद तकनीकी खामियों को दुरूस्त करने में जुटा हुआ है। हमने एक एजेंसी को अपने साथ जोड़ा है जो इस ऐप की खामियां दूर कर रही है। कुछ एंड्रॉयड उपकरणों के साथ समस्याएं थीं जिन्हें काफी हद तक दूर कर लिया गया है।
इस मौके पर ट्रूकॉलर के सीईओ एलेन मामेदी ने कहा कि भारत में 27 करोड़ लोग इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं और देश में रोजाना प्लेटफॉर्म के माध्यम से 50 लाख स्पैम कॉल की सूचना मिलती है। अब आवाज की क्लोनिंग से वाली गड़बड़ियों को चिह्नित करने की चुनौती आ गई है। उन्होंने कहा कि पहले बुजुर्ग लोग डिजिटल धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा शिकार होते थे, लेकिन अब कम उम्र के लोग भी इसका शिकार बन रहे हैं।