कक्षा एक से आठ तक में हिन्दी, अंग्रेजी और गणित की तरह अब आपदा प्रबंधन का अलग से पाठ्यक्रम शुरू होगा। वर्तमान में प्रदेश के 1.50 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों में भूगोल विषय के तहत आपदा प्रबंधन का एक अंश पढ़ाया जाता है।
स्कूलों में पढ़ने वाले तकरीबन दो करोड़ बच्चों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के उद्देश्य से अलग से पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी तेज हो गई है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद के निर्देश पर राज्य शिक्षा संस्थान के विशेषज्ञों को पाठ्यक्रम तैयार करने को कहा गया है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन कुमार ने 10 नवंबर को प्राचार्य राज्य शिक्षा संस्थान को इस संबंध में पत्र भेजा है। फिलहाल कक्षा एक से पांच तक और छह से आठ तक के लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। संस्थान की सहायक उपशिक्षा निदेशक डॉ. दीप्ति मिश्रा ने बताया कि पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। छह से आठ तक की किताब में है टॉपिकः वर्तमान में कक्षा छह से आठ तक की किताब में ही आपदा प्रबंधन के कुछ टॉपिक पढ़ाए जा रहे हैं। कक्षा आठ की किताब ‘भारतः संसाधन एवं विकास’ में आपदा प्रबंधन नाम से पाठ 11 है। इसमें आपदा की अवधारणा, आपदा के प्रकार, प्राकृतिक आपदाएं, कारण व प्रबंधन, भारत में आपदा प्रबंधन,भारत में आपदा प्रबंधन की संस्थागत संरचना तथा आपदा प्रबंधन के तत्व पढ़ाया जा रहा है। कक्षा छह से आठ तक की पुस्तक स्काउट गाइड शिक्षा
में पाठ संख्या 17, 20, 32 व 40 में आग से सुरक्षा के उपाय व रसोई गैस स्रावित होने पर सुरक्षा की विधि से संबंधित विषयवस्तु शामिल है।
पाठ्यक्रम के निर्देश
➡️महानिदेशक ने विशेषज्ञों को पाठ्यक्रम निर्माण के दिए निर्देश
➡️राज्य शिक्षा संस्थान को मिली पाठ्यक्रम बनाने की जिम्मेदारी
➡️वर्तमान में भूगोल के तहत एक अंश पढ़ाया जाता है
➡️अब हिन्दी, अंग्रेजी की तरह अलग से पढ़ाएंगे
कक्षा छह से कोर्स में
कक्षा छह से आठ तक की ही किताब हमारा पर्यावरण में आपदाएं एवं उनका प्रबंधन शीर्षक पाठ 13 में आपदा की अवधारणा, आपदा के प्रकार (प्राकृतिक आपदा एवं मानवजनित आपदा), एड्स-एक ज्वलंत मानव आपदा, कोविड 19, आपदा प्रबंधन, आपदा प्रबंधन की संस्थागत संरचना, आपदा प्रबंधन की अवस्थाएं एवं आपदाओं से बचने के उपाय पढ़ाया जा रहा है।