प्रदेश में गणित विषय से पढ़ाई करने वाले भी आयुर्वेद फार्मासिस्ट बन सकेंगे। इसके लिए आयुर्वेदिक भेषजिक सेवा नियमावली में बदलाव होगा। इसे मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। कैबिनेट की मुहर लगने के बाद गणित विषय से पढ़ाई करने के बाद आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट की डिग्री लेने वाले विभाग में नियुक्ति भी पा सकेंगे।
आयुर्वेद विभाग में अभी तक आयुर्वेदिक (भेषजिक) सेवा नियमावली में लिखा है कि विज्ञान वर्ग से इंटरमीडिएट और भेषजिक में डिप्लोमा करने वाले ही नियुक्ति के लिए योग्य हैं। जबकि एलोपैथ से डिप्लोमा इन फार्मेसी के लिए योग्यता सिर्फ इंटरमीडिएट विज्ञान है। यानी गणित और जीव विज्ञान में इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने वाले डिप्लोमा इन फार्मेसी की डिग्री ले सकते हैं।
डिप्लोमा इन फार्मेसी की तर्ज पर ही कुछ आयुर्वेदिक कॉलेजों ने भी गणित विषय वाले छात्रों को डिप्लोमा इन आयुर्वेदिक की डिग्री दे दी है। सेवा नियमावली में सिर्फ जीव विज्ञान विषय वाले को रखने का नियम होने की वजह से आयुर्वेद विभाग में फार्मेसिस्टों की नियुक्ति प्रक्रिया ठप हो गई है। ऐसे में अब सेवा नियमावली में बदलाव किया जा रहा है। एलोपैथ के फार्मेसिस्टों की सेवा नियमावली की तरह ही आयुर्वेद में भी गणित व जीव विज्ञान से पढ़ाई करने वाले और आयुर्वेद में फार्मासिस्ट की डिग्री लेने वाले विभागीय भर्ती में शामिल हो सकेंगे।
समूह घ के कर्मियों का होगा समायोजन
यूपी एग्रो में समूह घ के बचे कर्मियों को कृषि विभाग के विभिन्न विभागों में समायोजित किया जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।
ब्लॉक स्तर पर होगा वेदर डाटा इनफार्मेशन सेंटर
वेदर डाटा इनफार्मेशन सेंटर को अब ब्लाक स्तर पर सुदृढ़ करने की तैयारी है। इससे किसनों को मौसम के बारे में संबंधित ब्लॉक स्तर की जानकारी मिल सकेगी। इस संबंध में भी प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।