प्रदेश के 44 हजार से अधिक परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में कक्षा छह से ही छात्र-छात्राओं को एनिमेशन, फोटोशॉप, बैनर व प्रोजेक्ट मॉडल बनाना, एल्बम और वीडियो बनाना सिखाया जाएगा। नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत चित्रकला विषय में व्यापक परिवर्तन किया गया है। उम्मीद है कि 2024-25 सत्र से इसे लागू कर दिया जाएगा। बच्चों को परिवर्तित पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए राज्य शिक्षा संस्थान में पांच-पांच दिन की शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यशाला 18 दिसंबर को शुरू हुई है जो पांच चक्रों में दो फरवरी तक चलेगी।
संस्थान के प्राचार्य नवल किशोर ने बताया कि एनईपी 2020 में कहा गया है कि 60 प्रतिशत किताबी ज्ञान और 40 प्रतिशत ई-लर्निंग के माध्यम से सिखाना है। 40 प्रतिशत ई-लर्निंग को सीखने-सिखाने में यह मॉड्यूल सहायक सिद्ध होगा। यह मॉड्यूल कक्षा छह से आठ तक के बच्चों में जीवन कौशल की अभिवृद्धि के साथ ही स्वालंबन व उद्यम के विकास में भी उपयोगी होगा। इस नई पद्धति में कम्प्यूटर कलाकृति का निर्माण ही नहीं करता बल्कि कलाकार कम्प्यूटर को चित्र निर्माण के निर्देश देता है। कम्प्यूटर ग्राफिक्स ने कला उत्पादन के शारीरिक श्रम को मानसिक श्रम में परिवर्तित कर दिया है।
कम्प्यूटर का उपयोग बढ़ने से बदला स्वरूप
संस्थान की सहायक उपशिक्षा निदेशक डॉ. दीप्ति मिश्रा ने बताया कि चित्रकला में कम्प्यूटर विषय का प्रयोग करके इसे व्यवसायिक बनाया जा सकता है और जीविकोपार्जन का अच्छा साधन हो सकता है। वर्तमान में कम्प्यूटर के उपयोग के बिना किसी भी विषय को पढ़ाना या व्यवसाय को प्रारम्भ करना मुश्किल है। मार्केटिंग, एकाउन्टिंग आदि में कम्प्यूटर ग्राफिक्स का प्रयोग अपरिहार्य हो गया है।